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रविवार, 1 दिसंबर 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी युवाओं को राजनीति में आने का आह्वान करते हैं, लेकिन पार्टी इसके लिए राजी नहीं

 #सौटकेकीबात


हरेश कुमार



दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी के हारने का मुख्य कारण पार्टी द्वारा हैसियत देखकर टिकट का बंटवारा करना रहा है। सामान्य कार्यकर्ताओं को कदम-कदम पर बेइज्जत किया जाता है। उन्हें यह अहसास दिलाया जाता है कि आपकी हैसियत पार्टी में झंडा और डंडा उठाने तक सीमित है।
पार्टी के पास सबकुछ होने के बावजूद हारने का कारण कार्यकर्ताओं की उपेक्षा है। अन्यथा कोई कारण नहीं कि लोकसभा में सातों सीटें जीतने वाली पार्टी 3 और 8 सीट पर सिमटकर रह जाती है।
पिछले कुछ महीनों के दौरान मैंने जो महसूस किया है, वह अत्यंत पीड़ादायक है। यहां टिकट के लिए आपकी एकमात्र योग्यता आपके पास चुनाव में खर्च करने के लिए कितनी क्षमता है। पार्टी को हार-जीत से कोई लेना-देना नहीं है। हमारी शुभकामनाएं साथ है। भारतीय जनता पार्टी के साथ हम हिंदुत्व के मुद्दे के कारण जुड़े हुए हैं, क्योंकि हमारे जैसे राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों के पास कोई दूसरा विकल्प फिलहाल नहीं है।
पार्टी के केंद्रीय नेताओं से लेकर स्थानीय नेताओं का रवैया बहुत ही निराशाजनक है। मैं पिछले तीन महीने से सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन मुझे अब तक निराशा ही हाथ लगी है। ऐसी स्थिति में कोई भी व्यक्ति जलील होने के लिए क्यों अपना नाम आगे बढ़ाएगा। पार्टी को समय रहते इन नीतियों की समीक्षा की जरूरत है। सोशल मीडिया के माध्यम से आप देश-दुनिया के सामने अपनी बात रख सकते हैं। और थोड़ी ही देर में आपकी बात संबंधित व्यक्ति तक पहुंच जाती है।
दिल्ली की जनता पिछले दस साल से केजरीवाल के कुशासन और भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है। इस बार उसने अपना मन बना लिया है कि इस गिरगिट को दिल्ली की सत्ता से बाहर कर देंगे, लेकिन पार्टी के नेताओं की चुनावी तैयारियों से नहीं लगता है कि वो इस बार भी केजरीवाल को सत्ता से हटाने में कामयाब हो पाएंगे, क्योंकि इनके पास कोई नीति नहीं है। इनकी एकमात्र नीति संबंधित व्यक्ति की आर्थिक हैसियत है।
आर्थिक स्थिति से लोग चुनाव जीतते तो टाटा के सीईओ रहे रतन टाटा उस जमशेदपुर से कभी चुनाव नहीं हारते, जिन्हें उनके ही पुरखों ने बसाया था और जो देश का एक व्यवस्थित नगरी है। उनके पास पैसे से लेकर चुनाव प्रबंधन करने वालों की एक बड़ी फौज थी।
आपका जनसेवक
हरेश कुमार 🙏
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