हरेश कुमार
श्री जगन्नाथ महाप्रभु की जय हो
जिस तरह से श्री जगन्नाथ महाप्रभु की पताका हवा के विपरीत शान से फहराता रहता है, ठीक उसी तरह से तमाम परेशानियों और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद बुराड़ी से मैं हरेश कुमार भारतीय जनता पार्टी के टिकट से जीत का ऐतिहासिक परचम लहराऊंगा। ये मेरा वादा रहा।
मैं व्यक्तिगत लाभ-हानि के लिए संघर्ष नहीं कर रहा। मैं बुराड़ी की जनता को नारकीय स्थिति से बाहर निकालने के लिए आगे बढ़ा हूं। पिछले दस में आम आदमी पार्टी के कुशासन और भ्रष्टाचार के कारण बुराड़ी की स्थिति नरक से भी बदतर हो चुकी है। इस स्थिति से बाहर निकालने के लिए कोई तैयारी नहीं। बुराड़ी का विधायक संजीव झा एक-एक योजवना का चार-चार बार उद्घाटन कर चुके हैं, लेकिन काम जहां था, वहीं पड़ा है। पिछले दस साल में काम किया होता, तो आज ये नौबत नहीं आती। सड़क-गलियां सारी तबाह हो चुकी हैं या है ही नहीं। लोगों को झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं। विधायक सार्वजनिक सभा में दूसरों पर तंज कसते हैं कि यहां नेता बहुत हैं, खुद की शक्ल आईने में नहीं दिखती।
बुराड़ी में सबसे अधिक ग्रामसभा की जमीन होने के बावजूद यहां एक भी पार्क नहीं है, जहां लोग अपने परिजनों के साथ जाकर कुछ पल बीता सके।
बुराड़ी की मुख्य सड़क पिछले तीन साल से खुदी पड़ी है। चुनाव को देखते हुए अभी पैचिंग की गई है। यह पैचिंग कितने दिन चलेगी।
हल्की-सी बारिश होने पर मुख्य सड़क पर नाव चलने की स्थिति हो जाती है। इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों को कोई शर्म नहीं आती।
बुराड़ी अस्पताल में गंभीर मरीजों को देखने की जगह उन्हें हिंदू राव मेडिकल कॉलेज और अस्पताल या अन्य बड़े अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है। खई मरीज तो बुराड़ी के ट्रैफिक में फंसकर दम तोड़ देते हैं। आधे घंटे का सफर तय करने में घंटों लग जाते हैं। यह कोई एक दिन की बात नहीं प्रतिदिन की समस्या हो चुकी है।
बुराड़ी में बस स्टॉपेज तक नहीं है। यात्री गर्म, बरसात और जाड़े में खुले आसमान के नीचे बसों का इंतजार करते हैं। बिजली के पोलों पर डीटीसी बस के नंबर से स्टैंड का पता चलता है। यह देश की राजधानी की स्थिति है।
बुराड़ी के स्कूल में एक-एक सेक्शन में 80-90 बच्चे पढ़ते हैं, वे क्या पढ़े होंगे, वही जानते हैं।
एक तरफ आम आदमी पार्टी कहती है कि हमने सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की व्यवस्था वर्ल्ड क्लास की कर दी, तो ऐसी स्थिति में सारे प्राइवेट स्कूल और अस्पतालों को अब तक बंद हो जाना चाहिए था, जबकि हकीकत यह है कि गली-गली में प्राइवेट स्कूल खुले हैं और देश की राजधानी में झोला छाप डॉक्टर भी मौजूद हैं।
अस्पतालों में घटिया और नकली दवाइयां की आपूर्ति की जाती है। मुहल्ला क्लिनिक सफेद हाथी बन चुका है। कोरोना काल में सभी ने देखा कि मुहल्ला क्लिनिक में बुखार जांच तक की सुविधा नहीं थी। वो तो भला हो केंद्र सरकार का जिसने मामला अपने हाथों में लिया, वरना दिल्ली में लाशों के ढेर लग जाते।
दिल्ली की हवा प्रदूषित हो चुकी है। लोगों को सांस की समस्या होने लगी है। यमुना की स्थिति यह है कि कोर्ट ने उसमें छठ करने से मना कर दिया। यमुना में स्नान करने से स्कीन सहित सांस लेने की बीमारी हो रही है।
केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से वादा किया था कि हम दिल्ली को लंदन और यमुना को टेम्स नदी बना देंगे। यह भ्रष्टाचार समाप्त करने राजनीति में आया था। केजरीवाल जनलोकपाल और स्वराज की बातें किया करता था। दस साल सत्ता में होने के बावजूद आझ तक जनलोकपाल लागू नहीं कर सका और अब तो इस पर चर्चा तक नहीं करता।
फ्री बिजली, फ्री पानी और आधी आबादी को फ्री डीटीसी सफर के नाम पर यह दिल्ली की सत्ता में कायम है।
नगर निगम के चुनाव के समय इसने दिल्ली से कूड़े के ढेर को हटाने का वादा किया था, दो साल बीत जाने के बावजूद कूड़ा जहां था, वहीं है। वो तो भला हो केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी का, जिन्होंने सड़क निर्माण में कूड़े का प्रयोग चालू करवा दिया है, जिससे काफी कूड़ा सड़क निर्माण में यूज हो गया है।
केजरीवाल की स्थिति यह है कि यह सही बात बोलने वालों को बर्दाश्त नहीं कर पाता। यही कारण है कि जो लोग इसके साथ आए थे, सारे एक-एक करके चले गए।
इसने जनलोकपाल के नाम पर एडमिरल रामदास के साथ धोखा किया और उन्हें बेइज्जत करने में भी इसे कोई दिक्कत नहीं हुई। यह एक नंबर का झूठा औऱ दोगला इंसान है, जो दूसरों के साथ पबदतमीजी से पेश आता है, लेकिन जब लोग इसे इसका चेहरा दिखाते हैं, तो आपा खो बैठता है।
दिल्ली में 2020 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दो दिवसीय यात्रा के समय आम आदमी पार्टी से जुड़े नेताओं और समर्थकों ने दिल्ली को दंगों की आग में झोंक दिया। इसके पीछे एकमात्र कारण केंद्र की सत्ता में मौजूद भाजपा और श्री नरेंद्र मोदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम करना था, जिसमें इसे काफी हद तक कामयाबी मिली। इसे समर्थन देने वाले वामपंथी और मुस्लिम बुद्धिजीवियों और कट्टरपंथियों ने दिल्ली को दंगों की आग में झोंक दिया। केंद्र सरकार की सारी एजेंसियां समय पर पता नहीं लगा सकी। दंगा कराने वालों ने गंगाजल के नाम पर 60 हजार लीटर तेजाब मंगवाया था।
आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के अंकित शर्मा को आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के घर में खींचकर चाकुओं से गोदकर नालियों में फेंक दिया गया। उत्तराखंड में पौड़ी जिले के रोखड़ा गांव का दिलबर सिंह (19) पुत्र गोपाल सिंह जिस गोदाम में सो रहा था, दंगाइयों ने उसमें आग लगा दी, जिससे वह गोदाम में ही जिंदा जल गया। हजारों करोड़ रुपये की संपत्ति स्वाहा हो गई और सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 53 लोगों की हत्या हुई थी।
भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा करने वाला केजरीवाल दिल्ली के तिहाड़ जेल से छह महीने रहकर फिलहाल जमानत पर बाहर है। इस जमानत के लिए भी केजरीवाल ने क्या-क्या नहीं किया। स्वाति मालीवाल को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, ताकि जमानत दिलाने वाले अभिषेक मनु सिघवी को उनकी जगह राज्यसभा में भेजा जाए। स्वाति मालीवाल ने मना किया तो केजरीवाल के पीए बैभव कुमार ने मुख्यमंत्री आवास शीशमहल में स्वाति मालीवाल की लात-घूंसों से पिटाई की।
पिटाई करते समय इसने फिर से पुराना हथकंडा अपनाया औऱ सीसीटीवी को बंद करवने या फुटेज को गायब करने की चाल चली। इससे पहले 2018 में आधी रात को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को बुलाकर केजरीवाल के गुंडे ओखला से विधायक अमानतुल्लाह व प्रकाश जारवाल ने पिटाई की थी। तब भी सीसीटीवी के फुटेज डिलीट कर दिया था या सीसीटीवी बंद था।
यही है केजरीवाल का असली चेहरा। केजरीवाल ने जब राजनीति में एंट्री की थी, तब इसके पास कांग्रेस के मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ कॉमनवेल्थ खेल में हुए भ्रष्टाचार का 470 पेज का सबूत हुआ करता था। जो इसने पहली बार कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनाते ह यमुना नदी में प्रवाहित कर दिया।
इससे पहले इसने अपने बेटे के किस पर हाथरखकर कसम खाई थी कि हम न कांग्रेस के समर्थन लेंगे औऱ न ही देंगे। यह कांग्रेस के समर्थन से दिल्ली में सरकार बनाने के साथ-साथ लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुका है। अब बस विधानसभा का चुनाव लड़ना बाकी है। इस बार सत्ता से बाहर होने के बाद अगली बार कांग्रेस के साथ विधानसभा का चुनाव भी यह पार्टी लड़ेगी।
केजरीवाल जैसे दोमुंहा व्यक्ति नहीं मिलेगा। इसने अपनी मरी हुई नानी तक को नहीं छोड़ा। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के समय इसने अपनी मरी हुई नानी का नाम लेकर कहा, मेरी नानी कहती थी, मेरा राम किसी के मस्जिद को ढहाकर बनाए गए मंदिर में नहीं रह सकता और जब मंदिर बन गया, तो दिल्ली सरकार के खर्चे पर इसने दिल्ली के बुजुर्गों को अयोध्या राम मंदिर दर्शन करने भेजा। यह खुद भी पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ में अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर जाकर दर्शन कर चुका है।
यह क्रिप्टो ईसाई है। क्रिप्टो ईसाई वो होते हैं, जो धर्मांतरण कर चुके हैं, लेकिन अपना नाम नहीं बदलते हैं, ताकि सरकारी लाभ ले सकें। ऐसे नहींयह मदर टेरेसा को संत घोषित करने के कार्यक्रम में अपने सहयोगियों को साथ लेकर कमर्शियल विमान से गया था।
केजरीवाल की नीचता की जितनी बातें की जाए, कम है। आने वाले विधानसभा चुनाव में दिल्ली के मतदातों को यह याद रखना है कि हमारी दिल्ली सांस लेने लायक नहीं रह गई है। दिल्ली की प्राणवायु यमुना प्रदूषित हो चुकी है। डीटीसी बर्बाद हो चुका है। कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलता। अस्पतालों में पूरी दवाई नहीं मिलती। इसके बावजूद इसने केंद्र सरकार की मरीजों के लिए चालू की गई योजना- आयुष्मान भारत को दिल्ली में लागू नहीं होने दिया, क्योंकि इसका असली चेहरा बाहर आ जाएगा।
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