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मंगलवार, 26 नवंबर 2024

महाराष्ट्र की जीत हमारी है अब दिल्ली की बारी है

हरेश कुमार



आने वाले कुछ महीनों में दिल्ली में विधानसभा का चुनाव होना है। पिछले तीन बार से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली में आम आदमी पार्टी सत्तारूढ़ रही है, लेकिन इस बार स्थिति पूरी तरह से विपरीत हो चुकी है। फ्री बिजली, फ्री पानी और आधी आबादी को फ्री डीटीसी सफर के सहारे सत्तारूढ़ रही आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में धंस चुकी है।

आम आदमी पार्टी के मुखिया देश की राजनीति को बदलने आए थे। दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस पार्टी के कुशासन, भाईभतीजावाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के नेतृत्व में देशव्यापी आंदोलन से निकले केजरीवाल से लोगों को काफी उम्मीदें थी, लेकिन केजरीवाल ने गिरगिट को भी मात दे दिया। इसने देश के हर उस व्यक्ति के विश्वास के साथ धोखा किया, जिसने केजरीवाल से भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीदें पाली थीं।
कांग्रेस के कुशासन के कारण दिल्ली की जनता इतना ज्यादा असहाय हो चुकी थी कि उसके पास कोई चारा नहीं रह गया था, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के नेता कांग्रेस का विकल्प बनने की जगह आपस में एक-दूसरे की टांग खींचने में लगे थे।
आज भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। अन्यथा आम आदमी पार्टी दिल्ली में कभी सत्ता में नहीं होती।
यह देश का दुर्भाग्य है कि विदेशी ताकतों के पैसे पर पलने वाली पार्टियां देश के दो राज्य दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है। अमेरिका के फोर्ड फाउंडेशन से लेकर जॉर्ज सोरोस, ईसाई मिशनरियों का इस पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को खड़ा करने में बड़ा हाथ है।
केजरीवाल ऐसे नहीं, मदर टेरेसा को संत घोषित करने के कार्यक्रम में गया था। इसके बारे में अंदरखाने लोग चर्चा करते हैं कि यह क्रिप्टो ईसाई है। क्रिप्टो ईसाई वो होते हैं, जिन्होंने हिंदू धर्म को त्यागकर ईसाई धर्म अपना लिया है, लेकिन अपने नाम में कोई परिवर्तन नहीं किया, ताकि अन्य को भी धोखा दिया जा सके। ऐसे लोगों की एक बड़ी आबादी है और दुर्भाग्य से ऐसे लोग सरकारी पदों पर भी रहे हैं या हैं।
केजरीवाल जो दिखता है, वो है नहीं। इसके कई चेहरे हैं। इसने जब राजनीति की शुरुआत की थी, तब इसके पास दिल्ली में कांग्रेस की मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के शासनकाल में आयोजित कॉमनवेल्थ घोटाला के 470 पेज सबूत हुआ करते थे, जिसे इसने पूरी दिल्ली में पैम्फलेट्स बांटकर बताया था। इसने अपने बेटे के सिर पर हाथ रखकर कसम खाई थी कि हम न कांग्रेस से समर्थन लेंगे और न कांग्रेस को समर्थन देंगे और पहली बार कांग्रेस के समर्थन से ही सरकार बनाया। सरकार बनाने के साथ ही इसने कांग्रेस के खिलाफ 470 पेज का तथाकथित सबूत यमुना नदी में प्रवाहित कर दिया, जिसके कारण यमुना और प्रदूषित होती चली गई।
केजरीवाल ने दिल्ली को लंदन और यमुना को टेम्स नदी बनाने का वादा किया था। दिल्ली के लंदन की स्थिति यह हो चुकी है कि यहां सांस लेना दूभर होने लगा है। यमुना नदी, जो इसके आने के बाद इतनी प्रदूषित हो गई है कि उसमें आप स्नान नहीं कर सकते।
केजरीवाल जितना बड़ा झूठा औऱ दोगला इंसान पूरी दुनिया में नहीं मिलेगा। मुस्लिम तुष्टीकरण में यह कांग्रेस का भी बाप निकल गया। सत्ता के लिए इसने खालिस्तानी आतंकियों के आगे घुटने टेक दिया। इसी का परिणाम है कि आप आज पंजाब में सत्ता में है। वहीं, पंजाब में एक बार फिर से खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों बढ़ गई हैं। नशे का कारोबार बढ़ चुका है, जिस पर बड़ी मुश्किल से काबू पाया गया था।
सत्ता के लिए केजरीवाल जैसे नेता किसी भी हद तक गिर सकते हैं। यह व्यक्ति विश्वास के लायक नहीं है।
आने वाले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली के लोगों को केजरीवाल से भी बेहतर पैकेज देना होगा, तभी इस राक्षस को दिल्ली की गद्दी से बाहर किया जा सकेगा।
दिल्ली में एक बड़ी आबादी है, जो दस हजार या उसके आसपास कमाती है और अपने परिवार का भरण-पोषण करती है। ऐसे लोगों के लिए फ्री बिजली, फ्री पानी और फ्री डीटीसी का सफर बहुत मायने रखता है।
मेरी छोटी बिटिया सुप्रिया (शगुन) ने मुझसे कहा था, पापा आप चुनाव लड़ना चाहते हो, ये अच्छी बात है, लेकिन ये बात याद रखना कि किसी गरीब को परेशानी न हो। फ्री की योजनाएं बंद मत करवाना। इससे एक बड़ी आबादी लाभान्वित होती है। मैंने उसकी बातों को बहुत गंभीरता से लिया। एक छोटी बच्ची जो अभी 9वीं क्लास में पढ़ रही है, वो इतना सोच रही है।
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से सादर निवेदन है कि आने वाली विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी बेहतर प्रयास करे। आम आदमी पार्टी से बेहतर कुछ घोषणा करे। ऐसी घोषणा नहीं, जिससे वेतन देने के पैसे न हों, लेकिन फ्री की योजनाएं चलती रहें। कुछ क्रिएटिव सोचना होगा।
इसके बाद दुनिया की कोई ताकत केजरीवाल की सत्ता को दिल्ली से बाहर होने से नहीं रोक सकता।



केंद्र सरकार को चाहिए कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां हैं। इन कॉलोनियों को वैध कर उनमें रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने की घोषणा ही नहीं की जाए, बल्कि उस पर त्वरित अमल भी किया जाए। अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लोगों के लिए सड़क, नाली, बिजली, स्कूल-अस्पताल की सुविधाएं हों।
सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जाए, ताकि प्रदूषण की समस्या को हल करने में मदद मिल सके। दिल्ली में मेट्रो का विस्तार बहुत तेजी के साथ किए जाने की जरूरत है। इसके अलावा दिल्ली परिवहन निगम की बसों को अधिक से अधिक संख्या में बढ़ाया जाए, ताकि लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें। दिल्ली में देशभर की एक बड़ी आबादी रोजगार के लिए आती है। उनके लिए सुविधाओं का विस्तार किया जाए, ताकि लोगों की दिक्कतें कम हों। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से लोगों को काफी उम्मीदें हैं।


महिला सुरक्षा, बुजुर्गों की सुरक्षा और पेंशन इत्यादि को लागू करें। अस्पतालों में इलाज की ढंग से व्यवस्था की जाए। वर्तमान में दिल्ली सरकार के अस्पतालों की स्थिति ठीक नहीं है। इसमें सुधार की काफी गुंजाइश है। मरीजों को सभी जांच हो और दवाइयां दी जाए। मुहल्ला क्लिनिक के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी कमियों को दूर कर डिस्पेंसरियों को हर पांच-दस गली के अंतराल पर चालू किया जाए। मोबाइल डिस्पेंसरियां भी हों और उनका समय निर्धारित हों, ताकि लोग उसका फायदा उठा सकें।
आशा है कि भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व इन सुझावों पर अमल करेगा। दिल्ली की जनता केजरीवाल के कुशासन और भ्रष्टाचार से तंग आ चुकी है। मिलकर केजरीवाल का मुकाबला करने की जरूरत है। एक हैं, तो सेफ हैं। बंटेंगे तो कटेंगे, जैसा कि झारखंड में हुआ है। हम जहां-जहां एक रहे, हमने विजय पाई है। दिल्ली में भी इसे दोहराने की जरूरत है।

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