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शनिवार, 11 मई 2024

आर्थिक रूप से पूरी तरह बर्बाद पाकिस्तान भारत में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं कर रहा

 हरेश कुमार



IMF के अनुसार, 'पाकिस्तान की फंड चुकाने क्षमता काफी कमजोर है। इसमें कई जोखिम भी हैं। पाकिस्तान जरूरी नीतियों पर अमल करने तक के लिए भी बाहरी मदद पर बुरी तरह से निर्भर है।'

रिपोर्ट के मुताबिक, 'पाकिस्तान आर्थिक सुधारों को अपनाने में देरी कर रहा है। उसका विदेशी मुद्रा भंडार भी काफी कम हो गया है। कैश फ्लो भी बड़ी गिरावट आई है। सामाजिक और सियासी समस्याएं भी बढ़ रही हैं। इन सबके चलते नीतियां लागू करने में भी दिक्कत हो रही है। उसका लोन रीपेमेंट कैपिसिटी और क्रेडिट स्टेबिलिटी भी खत्म हो गई है।'
इतना सब होने के बावजूद पाकिस्तान भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं रखा। भारत में आतंकी गतिविधियों को प्रमोट करने में पाकिस्तान के आका लगातार प्रयासरत हैं। इसका एक छोटा-सा हिस्सा अपने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में लगाते तो शायद आज देश की स्थिति ऐसी न होती। भीखमंगों की तरह कटोरे नहीं फैलाना होता, लेकिन वो कहावत है न कि कुत्ते की दुम सीधी नहीं होती या सूअर को आप चाहे कितना भी साफ जगह पर रख दो, वो उसे गंदा करके ही मानेगा, क्योंकि साफ जगह वो रह ही नहीं सकता। यही स्थिति पाकिस्तान और भारत में उसे समर्थन करने वाले छदम सेक्युलरिज्म की लाइलाज बीमारी से पीड़ित तथाकथितप्रगतिशील बुद्धिजीवी हैं।
हम तो चाहते हैं कि पाकिस्तान के चार टुड़के जितनी जल्दी हों, उतना अच्छा। धर्म के नाम पर बंटवारा कर लाखों लोगों का खून बहाने वाले पाकिस्तानियों से कोई मुहब्बत नहीं। इन सूअरखोरों ने पाकिस्तान को अपना देश मान रहने वाले हिंदुओं और सिखों के साथ ज्यादती की सभी सीमाओं को पार कर दिया। ये भीख मांगने लायक भी नहीं हैं।

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