केजरीवाल नाम का यह हरामखोर अन्ना हजारे से लेकर एडमिरल रामदास, कुमार विश्वास, किरण बेदी, कपिल मिश्रा, योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण, आदर्श शास्त्री, अलका लांबा, मयंक गांधी, अंजली दामनिया, जीआर गोपीनाथ, आशीष खेतान, राजमोहन गांधी, अशोक चौहान, गुरप्रीत सिंह, आनंद कुमार, शाजिया इल्मी, मुनीश रायजादा, आशीष खेतान, आशुतोष, अजीत झा समेत कई छोटे-बड़े नेताओं के अलावा, कुछ पूर्व आईएएस और आईपीएस और वरिष्ठ पत्रकारों को धोखा दे चुका है। लंबी सूची है।
यह राजनीति को साफ करने आया था। कांग्रेस के भ्रष्टाचार के खिलाफ इसने दिल्ली के रामलीला मैदान में धरना-प्रदर्शन किया था। शीला दीक्षित सरकार के समय कॉमनवेल्थ गेम के दौरान हुए घोटाले खिलाफ इसके पास 370 पेज का सबूत था। इसने अपने बच्चों के सिर पर हाथ रखकर कसम खाई थी कि न कांग्रेस से समर्थन लेंगे और न ही कांग्रेस को समर्थन देंगे। अगले ही चुनाव में इसने कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई और कॉमनवेल्थ गेम घोटाला के सबूतों को यमुना नदी में प्रवाहित कर दिया।
यमुना नदी को यह लंदन का टेम्स नदी बनाने की बात किया करता था। इस देश का दुर्भाग्य है कि राजधानी में फ्री बिजली और फ्री पानी और महिलाओं को फ्री डीटीसी यात्रा करके यह राजनीति में टिका हुआ है।
एमसीडी चुनाव के दौरान इसने कूड़ा के पहाड़ का मुद्दा उठाया। मीडिया में बैठे इसके समर्थकों ने जोरशोर से इसे मुद्दा बनाया। आजतक कूड़ा में कोई कमी नहीं आई, वहीं भ्रष्टाचार में कई गुना बढ़ोतरी हो गई। अब तो यह पूरी तरह से निर्लज्ज हो चुका है। इसे सुप्रीम कोठा का भी समर्थन प्राप्त है।
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