हरेश कुमार
दिल्ली सरकार से अनुरोध है कि बुराड़ी के लिए बसों की सर्विस को बढ़ाया जाए। बुराड़ी में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बुरी दशा हो चुकी है। मेट्रो फीडर बसों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है। रात नौ बजे के बाद बाहर से बुराड़ी आना एक दु:स्वप्न हो जाता है। डीटीसी की बसें एक या दो आती हैं, वो आनंद विहार (143नंबर) या कश्मीरी गेट (61/192) या केंद्रीय सचिवालय (185) से ही भरी हुई आती हैं। ऐसी स्थिति में दिल्ली मेट्रो से यूनिवर्सिटी या कैम्प (जीटीबी नगर) उतरने वाली सवारियों को बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ऐसी स्थिति में ऑटो वाले भरपूर फायदा उठाते हैं। दो महीने पहले तक ये सब 20 रुपये लेते थे और अब मौका देखकर 50 से 60 रुपये तक मांगने लगते हैं मजबूरीवश यात्रियों को ऑटो वालों की मनमानी का शिकार होना पड़ता है। रात में कई बसें नॉट इन सर्विस, ब्रेकफेल या ब्रेकडाउन करके सड़कों पर दौड़ती रहती हैं, समझने वाली बात यह है कि जब इनके ब्रेकफेल हैं या ब्रेकडाउन है तो ये बसें सड़कों पर बिना सवारियों के दौड़ कैसे रही हैं। डीटीसी के डराइवर भी कम बदमाशी नहीं करते हैं। खाली गाड़ियां सड़कों पर दौड़ाते रहते हैं, लेकिन सवारियों को नहीं बैठाएंगे।
दिल्ली सरकार को केशवपुरम या नत्थूपुरा या बुराड़ी में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) का बस डिपो बनाने की जरूरत है, ताकि यात्रियों को जो दिक्कत हो रही है उससे छुटकारा मिल सके।
मौजूदा जनप्रतिनिधियों को बुराड़ी के लोगों को हो रही दिक्कतों से कोई मतलब नहीं है। अन्यथा इस समस्या को कब का हल कर दिया गया होता। पिछले साल भर में यह समस्या और विकराल हो चुकी है, क्योंकि डीटीसी मुफ्त सर्विस के चक्कर में पूरी तरह कंगाल हो चुकी है। डीटीसी की कई डिपो गाड़ियों के अभाव में बंद हो चुके हैं। आए दिन गाड़ियां रास्ते पर ही खराब हो जाया करती है। इस स्थिति से कोई खुश नहीं है। सड़कों की हालत दयनीय हो चुकी है। सीवर लाइन के लिए बनने वाले गड्ढों के कारण आए दिन बसें खराबी का शिकार हो रही हैं। पिछले सोमवार को ही वातानुकूलित बस (एसी) के पानी की टंकी सड़क खराब होने के कारण फूट गई। बुराड़ी पार करते ही गाड़ी खड़ी हो गई। फिर, दूसरी गाड़ी लेनी पड़ी।
कॉमनवेल्थ खेल के समय सब गाड़ियों की खरीद हुई थी। सबका समय पूरा हो चुका है। नई गाड़ी न आने के कारण इन सबको किसी तरह से चलाया जा रहा है। बहुत ही बुरी स्थिति है। एसी का टिकट लो, थोड़ी देर में गाड़ी बैठ जाती है। किसी भी बस का एसी सही से काम नहीं करता।
ये लोग तथाकथित विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करना चाहते हैं। दिल्ली में केंद्र सरकार के कारण इनकी कमियों पर पर्दा डल जाता है, वरना बुरा हाल कर रखा है। झूठे और फर्जी विज्ञापनों के सहारे दिल्ली सरकार चल रही है। सीवर लाइन के नाम पर तीन-तीन महीने से सैकड़ों गलियों को खोदकर छोड़ दिया है। कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है, लोग त्रस्त हो चुके हैं। मुख्य सड़कों कआ हाल बुरा है तो गलियों को कौन पूछता है। हर जगह गुंडागर्दी चल रही है। आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को पार्टी से जोड़ रखा है। कोई व्यक्ति आवाज उठाता है, तो उसे परेशान करने लगते हैं। बहुत ही बुरी स्थिति है।
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