अपनी कमजोरियों को दूर करने के बजाए इसे धार्मिक रूप देना कठमुल्लों को कहीं का नहीं छोड़ेगा।ऐसा नहीं है कि हिंदू या अन्य धर्मों में कमियां नहीं है, खूब कमियां हैं और आप उस पर खुली चर्चा कर सकते हैं। इसे दूर करने और दुरुस्त करने के लिए कदम उठाए जाते रहे हैं। हम अपनी अंध धार्मिकता पर हर तरह की चोट को स्वीकार करते हैं।
लेकिन कठमुल्लों की सबसे बड़ी दिक्कत है कि उन्हें अपनी कमियों पर बात करना गंवारा नहीं। वो दुनियाभर में अपने धर्म का परचम फहराना तो चाहते हैं, लेकिन सुधार पर आप बात न करें।
21वीं शताब्दी में हम कितने ही बदलावों से गुजर रहे हैं और आगे भी गुजरेंगे, लेकिन इनसे कोई उम्मीद नहीं।
ये दिन-रात हिंदू, यहूदी, ईसाई के विरोध में खुलकर और दुराग्रह से बात करते मिलेंगे, लेकिन इनकी बात करो तो फिर आपकी खैर नहीं।
हम तो 'पीके' बनाओ या कोई और अपनी कमियों पर विचार करने को तैयार रहते हैं, लेकिन इन्हें अपने खुदा की तस्वीर भी पसंद नहीं और एक मीडिया हाउस के 11कर्मचारियों को मार देते हैं।
ये वही लोग हैं जो हिंदुओं के लिए पूजनीय माता सरस्वती की नंगी तस्वीर बनाने वाले को महान चित्रकार की संज्ञा देते हैं।चित्रकार की कला को हम तब मानते जब एक बार अपनी मां की भी नंगी तस्वीर बनाते।
इन सबसे कोई उम्मीद नहीं।तुष्टिकरण के दिन लद गए। इन सबने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक जो अत्याचार किए हैं वो इतिहास की किताबों में दर्ज है।
उसपर चर्चा करना बेकार है
इजरायल और यहूदियों या हिंदुओं का कुछ नहीं होने वाला, हां तुम मिटा दिए जाओगे। मध्ययुगीन समय गया। हम सब 21वीं शताब्दी में रह रहे हैं। तकनीक का वर्चस्व रहने वाला है और तुम्हारा तकनीक से दूर-दूर तक रिश्ता नहीं और न आने वाले समय में होने वला है। क्योंकि आधुनिक शिक्षा तुम्हें चाहिए ही नहीं। जिस दिन आधुनिक शिक्षा को अंगकार कर लिया दुनियाभर को देखने का तुम्हारा नज़रिया बदल जाएगा, वरना बर्बादी की कहानियों की शुरुआत तो हो ही चुकी है। चाहो तो नज़रें उठाकर देख लो। तकरीर भी ऐसी नहीं कि अपने समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने के लिए कोई कदम उठाएं। तकरीर होती है इजरायल और यहूदियों को खत्म करने की। जैसे-जैसे रात गहरी होती जाती है तकरीर की आवाज और बढ़ती जाती है। हे भगवान उठा लो। मुझे नहीं इन तकरीर करने वालों को। कब अक्ल आएगी कि इजरायल का ये बाल बांका भी नहीं कर सकेंगे। हां, इजरायल जब चाहे इन्हें अच्छी तरह बिना सर्फ एक्सल के धुलाई कर सकता है और करता रहता है, लेकिन ये सुधरने वाले हैं नहीं।
इजरायल और यहूदियों या हिंदुओं का कुछ नहीं होने वाला, हां तुम मिटा दिए जाओगे। मध्ययुगीन समय गया। हम सब 21वीं शताब्दी में रह रहे हैं। तकनीक का वर्चस्व रहने वाला है और तुम्हारा तकनीक से दूर-दूर तक रिश्ता नहीं और न आने वाले समय में होने वला है। क्योंकि आधुनिक शिक्षा तुम्हें चाहिए ही नहीं। जिस दिन आधुनिक शिक्षा को अंगकार कर लिया दुनियाभर को देखने का तुम्हारा नज़रिया बदल जाएगा, वरना बर्बादी की कहानियों की शुरुआत तो हो ही चुकी है। चाहो तो नज़रें उठाकर देख लो। तकरीर भी ऐसी नहीं कि अपने समाज में फैली बुराइयों को खत्म करने के लिए कोई कदम उठाएं। तकरीर होती है इजरायल और यहूदियों को खत्म करने की। जैसे-जैसे रात गहरी होती जाती है तकरीर की आवाज और बढ़ती जाती है। हे भगवान उठा लो। मुझे नहीं इन तकरीर करने वालों को। कब अक्ल आएगी कि इजरायल का ये बाल बांका भी नहीं कर सकेंगे। हां, इजरायल जब चाहे इन्हें अच्छी तरह बिना सर्फ एक्सल के धुलाई कर सकता है और करता रहता है, लेकिन ये सुधरने वाले हैं नहीं।
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