हरेश कुमार
केंद्रीय गृह रज्य मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह 25 मार्च 2017 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित टेनकपुर बीएसएफ एकेडमी की पासिंग आउट सेरेमनी में हिस्सा लेने पहुंचे थे। जहां ड्यूटी पर तैनात उच्च अधिकारियों ने उन्हें कमांडेंट संदीप मिश्रा की बहादुरी और उनकी पत्नी इंद्राक्षी के किस्से की जानकारी दी। फिर क्या था, अपने व्यस्त शिड्यूल के बावजूद वो इस दंपती से मिलने उनके घर पहुंच गए।
घर के आगे गाड़ियों का काफिला देखकर थोड़ी देर के लिए पूरा परिवार असहज हो गया, लेकिन जैसे ही उन्हें यात्रा का मकसद पता चला सबने गृह मंत्री का भरपूर स्वागत किया। राजनाथ सिंह इस परिवार की कहानी सुनकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने साथ में लंच किया और बच्चों से बात काफी देर तक बात की। देश का गृह मंत्री अपने बिजी शेड्यूल से समय निकालकर देश के वीर जवानों के परिवार से मिलने पहुंचता है यह एक नई शुरुआत है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
2000 में गंवा दी थी आंखों की रोशनी
बीएसएफ कमांडेंट संदीप मिश्रा 2000 में असम में बहाल थे, तभी असम के तिनसुकिया में उल्फा उग्रवादियों के एक हमले का बहादुरी से मुकाबला करते हुए वो अपनी आंखों की रोशनी गंवा बैठे थे। मुठभेड़ के दौरान उन्हें पांच गोलियां लगीं। एक गोली उनके बाएं आंख को चीरती हुई दाएं आंख से बाहर आ गई थी।
उनकी शादी नहीं हुई थी और मन में इस आशंका ने जन्म ले लिया था कि अब वो अपनी प्रेमिका को नहीं पा सकेंगे। यह सोच और आशंका कुछ ही दिनों में निर्मूल साबित हो गई, क्योंकि उनकी प्रेमिका इंद्राक्षी को जब यह मालूम हुआ कि उग्रवादियों को मुकाबला करते हुए उनकी आंख की रोशनी चली गई, लेकिन उन्होंने डटकर मुकाबला किया तो उसने इस बात की परवाह नहीं कि की अब उनके आंखों की रोशनी नहीं रही। आज यह दंपती खुशहाल जिंदगी जी रहा है।
कम्प्यूटर फैकल्टी के तौर पर कार्यरत हैं संदीप मिश्रा
मिश्रा को उनकी बहादुरी के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वे वर्तमान में बीएसएफ रिहैबिलिटेशन सेंटर, टेकनपुर में कम्प्यूटर फैकल्टी के तौर पर कार्यरत हैं।
#RajnathSingh #HomeMinister #Central #BSF #President #PoliceMedals
केंद्रीय गृह रज्य मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता राजनाथ सिंह 25 मार्च 2017 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित टेनकपुर बीएसएफ एकेडमी की पासिंग आउट सेरेमनी में हिस्सा लेने पहुंचे थे। जहां ड्यूटी पर तैनात उच्च अधिकारियों ने उन्हें कमांडेंट संदीप मिश्रा की बहादुरी और उनकी पत्नी इंद्राक्षी के किस्से की जानकारी दी। फिर क्या था, अपने व्यस्त शिड्यूल के बावजूद वो इस दंपती से मिलने उनके घर पहुंच गए।
घर के आगे गाड़ियों का काफिला देखकर थोड़ी देर के लिए पूरा परिवार असहज हो गया, लेकिन जैसे ही उन्हें यात्रा का मकसद पता चला सबने गृह मंत्री का भरपूर स्वागत किया। राजनाथ सिंह इस परिवार की कहानी सुनकर इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने साथ में लंच किया और बच्चों से बात काफी देर तक बात की। देश का गृह मंत्री अपने बिजी शेड्यूल से समय निकालकर देश के वीर जवानों के परिवार से मिलने पहुंचता है यह एक नई शुरुआत है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी।
2000 में गंवा दी थी आंखों की रोशनी
बीएसएफ कमांडेंट संदीप मिश्रा 2000 में असम में बहाल थे, तभी असम के तिनसुकिया में उल्फा उग्रवादियों के एक हमले का बहादुरी से मुकाबला करते हुए वो अपनी आंखों की रोशनी गंवा बैठे थे। मुठभेड़ के दौरान उन्हें पांच गोलियां लगीं। एक गोली उनके बाएं आंख को चीरती हुई दाएं आंख से बाहर आ गई थी।
उनकी शादी नहीं हुई थी और मन में इस आशंका ने जन्म ले लिया था कि अब वो अपनी प्रेमिका को नहीं पा सकेंगे। यह सोच और आशंका कुछ ही दिनों में निर्मूल साबित हो गई, क्योंकि उनकी प्रेमिका इंद्राक्षी को जब यह मालूम हुआ कि उग्रवादियों को मुकाबला करते हुए उनकी आंख की रोशनी चली गई, लेकिन उन्होंने डटकर मुकाबला किया तो उसने इस बात की परवाह नहीं कि की अब उनके आंखों की रोशनी नहीं रही। आज यह दंपती खुशहाल जिंदगी जी रहा है।
कम्प्यूटर फैकल्टी के तौर पर कार्यरत हैं संदीप मिश्रा
मिश्रा को उनकी बहादुरी के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल गैलेंट्री अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वे वर्तमान में बीएसएफ रिहैबिलिटेशन सेंटर, टेकनपुर में कम्प्यूटर फैकल्टी के तौर पर कार्यरत हैं।
#RajnathSingh #HomeMinister #Central #BSF #President #PoliceMedals







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