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शुक्रवार, 17 मार्च 2017

कहां चले थे साहब सीएम बनने और अब सिद्धू की हालत आसमान से लटके खजूर पर अटके जैसी हो गई है



हरेश कुमार

आसमान से लटके, खजूर पर अटके कहावत को समझाएं


पिछले लोकसभा चुनाव से पहले नवजोत सिंह सिद्धू नाम के भारतीय जनता पार्टी के अमृतसर से सांसद हुआ करते थे। वो अपने संसदीय क्षेत्रों में कम कॉमेडी शो में ज्यादा पाए जाते थे। लगातार अनुपस्थिति से आजिज क्षेत्रीय जनता ने उन्हें खोजने के लिए पूरे शहर में पैम्फलेट लगाया था। Navjot Singh Sidhu
कुछ ही दिनों में 16वीं लोकसभा के चुनाव की घोषणा हुई उन्हें पार्टी ने टिकट से वंचित करते हुए अपने एक अन्य वरिष्ठ नेता Arun Jaitley को उस सीट से खड़ा कर दिया। इस निर्णय से नाराज सिद्धू पूरे चुनाव के दौरान प्रचार कार्यों से अनुपस्थित रहे। इसे भाग्य की बिडंवना कहें या अरुण जेटली का दुर्भाग्य जिस नरेंद्र मोदी की लहर में कैसे-कैसे लोग वैतरणी पार कर गए, वो जीता हुआ चुनाव हार गए।
खैर, कुछ दिनों के बाद जेटली राज्यसभा के सदस्य बनकर देश के वित्त मंत्री बने। इस बीच, पार्टी ने नवजोत सिंह सिद्धू की वरिष्ठता और पार्टी के प्रति निष्ठा को देखते हुए उन्हें भी राज्यसभा का सदस्य बना दिया, लेकिन ये क्या उनके मन में तो कुछ और ही था।
पंजाब के मुख्यमंत्री बनने की मंशा पाले सिद्धू लगातार Aam Aadmi Party - Punjab और Arvind Kejriwal के संपर्क में रहे, लेकिन सीएम की कुर्सी पर बात पक्की न होते देख पहले तो खुद की पार्टी खड़ी कर ली, लेकिन इससे लगा कि कुछ हासिल नहीं होगा तो फिर Indian National Congress में शामिल हो गए। चुनाव हुआ और अब नगरविकास मंत्री बनाए गए हैं। कोई कुछ कहे या न कहे बेचारे के दिल पर क्या बीत रही होगी, वही जानता है।

जैसा कि सभी को मालूम था कि अकाली दल को लगातार 10 साल शासन और उसके कार्यों से जनता में भारी नाराजगी थी और इसका खामियाजा Shiromani Akali Dal Sukhbir Singh Badal सहति BJP Punjab को भी भुगतना पड़ा।
इतना तक होता तो ठीक था, लेकिन दिल्ली में प्रचंड बहुमत पाकर Arvind Kejriwal और उनके सहयोगी उन्हें पंजाब का शासक भी बताने लगे थे। सत्ता के लालच में Aam Aadmi Party - Punjab के लोगों ने खालिस्तानी आतंकियों तक से संपर्क करने और उनसे सहयोग लेने से गुरेज नहीं किया। एक समय तक पंजाब के लोगों की पहली पसंद यह पार्टी बस यहीं से गलती कर बैठी और सीधे मुंह के बल गिर पड़ी। दिल्ली में दो साल के अपने सासल काल के दौरान Aam Aadmi Party Aam Aadmi Party - Delhi ने 350 से अधिक शराब के नए ठेकों का आवंटन किया और यह पार्टी एक नशेड़ी Bhagwant Mann को आगे करके पंजाब के युवाओं को नशा मुक्ति का संदेश दे रही थी। सभी ने देखा कि किस तरह से चुनाव के दौरान इस व्यक्ति ने नशे में सभा को संबोधित किया। हसरत तो ये थी कि पंजाब का शासन रिमोट कंट्रोल से चलाएंगे और इसके लिए मुख्यमंत्री जी ने पूरी तैयारी कर ली थी। अब 24 घंटे साथ रहने वाले लोग एक ही बात कहे और आप उनपर विश्वास करो तो नतीजा दूसरा क्यों भुगते? चुनाव नतीजे आने के बाद से ही अब ये ईवीएम पर दोष मढ़ने लगे हैं। खैर, ये कहानी का पार्ट-2 है।
हम तो सिद्धू को लेकर बात कर रहे थे। पंजाब के अमृतसर से विधानसभा का चुनाव लड़कर जीतने वाले सिद्धू अब नगरविकास मंत्री बना दिए गए हैं। जबकि इससे पहले वो राज्यसभा के सदस्य थे और पत्नी विधायक होने के साथ-साथ मंत्री पद पर विराजमान थीं। कहां साहब मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे थे और कहां नगरविकास विभागसंभाल रहे हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह को दो-तिहाई बहुमत मिल चुका है और इनकी परवाह नहीं है अब उन्हें।
अब आप ही तय करिए कि यह सौदा कितना सस्ता और कितना महंगा पड़ा। हम बोलेंगे तो आप बोलेंगे कि बोलता है।

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