पेज

बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

...सबूतों के छेड़छाड़ के कारण कोर्ट से अपराधी बरी हो रहे हैं इसका यह अर्थ नहीं कि अपराध हुए नहीं



मैंने शुरू से आसाराम को अपराधी कहा है, क्योंकि इसने संत समाज के नाम पर कलंकित किया है। इसके लिए मैं किसी से भी बहस कर सकता हूं। सलमान खान पुलिस-प्रशासन और सत्ता के सहयोग से सबूतों के छेड़छाड़ के कारण कोर्ट से अपराधी बरी हो रहे हैं इसका यह अर्थ नहीं कि अपराध हुए नहीं और इन्होंने अपराध किया ही नहीं। 


ये तो सलमान खान के बॉडीगार्ड रहे मुंबई पुलिस के कॉन्स्टेबल रवींद्र पाटिल की आत्मा गवाही देगी,जिसे अपने डिपार्टमेंट से भी सहायता नहीं मिली। क्योंकि सलमान खान मुंबई पुलिस के वार्षिक कार्यक्रमों में फ्री में नाचता है। जोधपुर में ब्लैक हिरण की हत्या भी सलमान खान ने की है, लेकिन अब तक बच रहा है वो। मुंबई की सड़कों पर नशे में गरीब बेकरी मजदूरों पर गाड़ी सलमान खान ने चढ़ाई है, लेकिन Being Human के नाम से चैरिटी करने वाला यह अभिनेता कभी नहीं स्वीकारेगा।


इस देश की संसद और विधानभाओं में सैकड़ों की संख्या में नेताजी हत्या और रेप के आरोपी हैं, लेकिन सबूतों के साथ छेड़खानी के कारण कितने अमरमणि त्रिपाठी, अमनमणि त्रिपाठी, संजय सिंह, पप्पू यादव जैसे नेता बच निकलते हैं। इसका यह अर्थ नहीं कि पूर्णिया के विधायक सीपीआई (एमएल) के नेता और गरीब-मजदूरों कई लड़ाई लड़ने वाले अजीत सरकार (1980से 1988 मृत्यु के समय तक 4बार विधायक रहे) की हत्या हुई ही नहीं। हत्या हुई है और अगर आप मधेपुरा, पूर्णिया, सहरसा,सुपौल के किसी भैंस चरवाह से भी पूछेंगे तो वो आपको हत्यारों का नाम बता देगा, लेकिन इस देश की जांच एजेंसियों को सबूत ही नहीं मिलते हैं। 



लोकसभा चुनाव के समय रॉबर्ट वाड्रा का नाम जमीन घोटालों में खूब उछला। ऐसे लग रहा था की बस कुछ दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष का दामाद जेल में होगा, लेकिन एक केस तक दर्ज नहीं हुआ और न होगा, क्योंकि सारे चोर हैं। नेताओं को ही नहीं उनके मां-बाप को यूं ही नहीं लोग गालियां देते हैं। मुझे तो नेता नाम से ही घृणा हो चुकी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें