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बुधवार, 22 फ़रवरी 2017

शुतुरमुर्गियों के इस भोलेपन पर दया आती है, जबकि हकीकत इनको अच्छी तरह से मालूम है



सत्तारूढ़ दल के वरिष्ठ नेता का नाम जब सेक्स रैकेट में आता है तो पुलिस-प्रशासन का व्यवहार किस तरह से होता है सबको पता है। इस देश में हत्या और रेप के आरोपी पुलिस-प्रशासन के लचर रवैये के कारण कोर्ट से कैसे बाइज्जत बरी होते हैं सबको पता है।

इसी केस में दो महीने से अधिक समय तक पहले पुलिस इस मामले को दबाती है और फिर जब मामला लोगों के संज्ञान में आता है तो पहले कार्रवाई की बात और फिर लीपापोती दोनों एक साथ आती है। हर बात पर लंबी पाती लिखने वाले आदतन शुतुरमुर्गी रवैया अख्तियार कर लेते हैं।

तस्लीमा नसरीन को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में घुसने पर प्रतिबंध और तारेक फतेह को ऱेख्ता के कार्यक्रम में जाने से रोकने वाला यह शुतुरमुर्गी अपने अभिव्यक्ति की आजादी का रोना रोता है।

इसकी अभिव्यक्ति भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह और कश्मीर में सैनिक कार्रवाई में व्यवधान डालने व आतंकियों को संरक्षण देने के नारों से है। सत्ता का समर्थन न मिलने से यह बिलबिला रहा है।इन सबके चेहरों से नकाब उतर चुका है।कभी मजदूरों और गरीबों की बात करने वाला यह बुद्धिजीवी वर्ग मुस्लिम तुष्टिकरण और नरेंद्र मोदी को आंख मूंदकर गालियां देता है।

इसे नहीं मालूम कि इस तरह की हरकतों के कारण इन तत्वों के पैरों के नीचे से जमीन पूरी तरह खिसक चुकी है और इनकी बातों का लोग उपहास उड़ाने लगे हैं।

मामला कुछ इस प्रकार से है


दलित लड़की कोई और नहीं, बल्कि बिहार प्रदेश कांग्रेस के ही एक नेता की बेटी है। इस सनसनीखेज वारदात में एक पूर्व आईएएस का बेटा भी शामिल है। ढाई महीने पहले लड़की ने एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। हालांकि, मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद  ब्रजेश पांडेय ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

पीड़ित लड़की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाने के साथ-साथ राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सीबीआई तक को पत्र लिख चुकी है, लेकिन कहीं से कोई मदद नही मिली। अंत में थक हार कर उसने मीडिया का सहारा लिया। आरोपी निखिल प्रियदर्शी एक पूर्व आईएएस का बेटा है और रसूखदार फैमिली से बिलॉन्ग करता है। प्रियदर्शी का बहनोई सीबीआई में एसपी है। इसके अलावा उसका दोस्त बिहार के डीजीपी का बेटा है।

पीड़ित लड़की को ब्लैकमेल कर यौन शोषण करने के अलावा उसे प्रताडित भी किया गया है। लड़की का आरोप है कि ब्रजेश पांडेय और निखिल प्रियदर्शी सेक्स रैकेट चलाते हैं। इस रैकेट में बिहार के कई रसूखदार नेता और ब्यूरोक्रेट्य भी शामिल हैं। पुलिस इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच शुरू कर चुकी है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पीड़िता के अनुसार, निखिल प्रियदर्शी से वॉट्सऐप और फेसबुक के जरिए उसकी जान-पहचान हुई थी। इसके बाद दोनों के बीच बातचीत होने लगी। एक दिन निखिल ने उसे ब्रजेश पांडेय के पास भेजा। वह उसे बोरिंग रोड के एक फ्लैट में ले गया था और वहां कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। इसके बाद उसको कोई होश नहीं था।

पीड़िता के मुताबिक, नशे में आने के बाद ब्रजेश पांडेय ने उसके प्राइवेट पार्ट को टच किया। उसके विरोध करने पर निखिल और उसका परिवार बहुत मारता-पीटता था। परिवार के लोग में निखिल के पिता और भाई भी शामिल थे। वे सभी सेक्स रैकेट चलाते है और उसको भी सप्लाई करने के लिए समय-समय पर दबाव बना रहे थे।

पीड़िता का आरोप है कि उसने जब थाने में शिकायत दर्ज कराई, तो पुलिस ने उलटे आरोपी को ही संरक्षण दिया। एसएचओ को जानकारी थी कि निखिल एयरपोर्ट से जा रहा है, लेकिन एडीजी को बताया तो उन्होंने गिरफ्तारी का आदेश नहीं दिया। हर कोई उसके पक्ष में है, इसलिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने सीएम से गुहार लगाई।

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