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शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

मैं किसी का अंध समर्थन नहीं करता और न पूर्वाग्रह रखता हूं

मैं किसी अवॉर्ड रिटर्न गिरोह और कथित इन्टॉलरेंस का कभी समर्थन नहीं करता। यह तुष्टिकरण और एक पार्टी और व्यक्ति विशेष का विरोध करता है।

मुझे पूर्वाग्रहग्रस्त कहने वालों से

आप गलत दिशा में जा रहे हैं। आप सिर्फ एक ही खांचे में सोच सकते हैं। मैंने अशिक्षा, गरीबी और मुस्लिम समुदाय के बीच के रिश्ते के बीच इस फिल्म को देखा है। सभी जाति-धर्म और संप्रदाय में इस तरह की समस्या है, लेकिन मुसलमानों में यह कुछ ज्यादा ही है। हम किसी के प्रति पूर्वाग्रह नहीं रखते। बगैर किसी को जाने आरोप लगाना ठीक नहीं।

हां, हम किसी वाम या दक्षिण या कथित सेकुलर छात्र संगठनों से भी नहीं जुडे कभी। हमारा दूर-दूर तक इन सब चीजों से नाता नहीं रहा। हम आपकी तरह कम्युनिस्ट सोच वाले भी नहीं हैं।(हां, राइट विंग हैं, लेकिन यहां भी गलत को गलत कहने का हक रखते हैं। किसी की पीठ नहीं खुजाते। और न ही किसी के तुष्टिकरण का समर्थन करते।) जो दूसरों को भक्त कहने का अधिकार हो मेरे पास। ये सब आप जैसे लोगों को मुबारक हो।मेरे लिए दादरी, गुजरात और डॉक्टर पंकज नारंग की हत्या सभी अपराध है, लेकिन कम्युनिस्टों और कथित सेकुलरों के लिए दादरी और गुजरात में दलितों को पिटा जाना मुद्दा है, नारंग रोड रेज की घटना हो जाती है, क्योंकि कम्युनिस्टों, सेकुलरों की तुष्टिकरण की राजनीति इसके आगे देखने और सुनने की क्षमता खत्म कर देती है।

यह एक विशेष प्रकार का मनोरोग है, जो अपनी सोच को सही और दूसरों को हमेशा गलत ठहराती है।यह ऐसी सोच है जो साथ देने वाला आदमी और उसकी सोच सही और गलतियों पर उंगली उठाने वाला दलाल और भक्त कुछ भी हो सकता है।

जिंदगीभर कांग्रेस और वामपंथियों की दलाली करने वालों से ऐसा सुनना अचरज पैदा नहीं करता। फैसला जनता जनार्दन पर है कि पूर्वाग्रह कौन रखता है।

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