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शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

फर्जी स्कीमों में पैसा लगाने वाले लोग लोभ के आगे किसी की सुनते नहीं है और नतीजा बाद में भुगतते हैं

जो लोग ठगी के शिकार हुए हैं, उनके प्रति कोई सहानुभूति नहीं, ये उसी के लायक हैं। मेहनत करना नहीं और तुरंत लखपति बनना चाहते हैं।आंख मूंदकर ऐसे लोगों और स्कीम पर भरोसा करते हैं, जबकि उन्हें भी पता है कि हर साल ठगी के हजारों मामले आते हैं। ये कंपनियां शुरू में विश्वास जमाती है फिर कुछ दिनों तक सबकुछ सामान्य कामकाज होता है और अचानक से रातोंरात सबकुछ समेट कर फरार हो जाती है। फिर अपनी मेहनत की कमाई को पाने के लिए इन स्कीमों में पैसा लगाने वालों की चप्पल घिस जाती है। ये न घर के होते हैं और न घाट के।

कई अच्छे खाते-पीते और सुखी लोगों को इस तरह के स्कीमों में पैसा लगाने के कारण तमाम उम्र रोते देखा है मैंने। कुछ दिनों के बाद इस यरह के अपराधों में शामिल लोगों को जमानत मिल जाएगी और वो किसी दल से टिकट पाकर चुनाव भी लड़ लेंगे। आप बाकी उम्र अपनी किस्मत पर रोइए। होना जाना कुछ नहीं। 


इस देश की अदालतों में तारीख के अलावा किसी गरीब, कमजोर को न्याय मिला है जो आपको मिलेगा और हां कोई बाहुबली और नेता अपराधी नहीं होता उसे विरोधी दल के लोग फंसाते रहे हैं।आप अपने संतोष के लिए न्यायालयों के फैसलों को देख सकते है। सलमान खान हों या दयानिधि मारन या कोई और बाहुबली सबूतों के अभाव या छेड़छाड़ या संदेहों का लाभ पाकर सदा बेकसूर छूटते रहे हैं।


मेरे पास भी कुछ लोग आए थे, मैंने साफ-साफ मना कर दिया था और कुछ को तो डांटा भी था। लोभः पापस्य कारणम। लालच बुरी बला है। शिकारी आएगा दाना डालेगा, लोभ से फंसना नहीं, इसके बावजूद लोग फंसते हैं।इसका मुख्य कारण उनका लालच सबपर भारी पड़ता है।

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