हरेश कुमार
राष्ट्रीय जनता दल के सीवान से चर्चित सांसद और लालू प्रसाद यादव के चहेते शहाबुद्दीन एक बार फिर से सुर्खियों में है। चर्चा है कि साहब खुद से सेल्फी ले रहे हैं और वो भी कड़ी सुरक्षा के घेरे में बंद सीवान जेल के अंदर। इस सेल्फीनुमा फोटो के बाहर आने और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर बिहार सरकार और स्थानीय पुलिस ने अपनी झेंप मिटाने के लिए देर रात सीवान जेल पर छापा मारने की कागजी कार्रवाई की और सदा की तरह जेल से मोबाइल, बैटरी व अन्य आपत्तिजनक सामान निकले, लेकिन हैरत की बात है कि ये सारे सामान अन्य कैदियों के कमरे से मिले।
बिहार की राजनीतिक स्थिति से जो लोग वाकिफ हैं और जानते हैं कि राज्य में जब अपनी सरकार हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शहाबुद्दीन राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष माननीय लालू प्रसाद यादव के चहेते और पार्टी का मुस्लिम चेहरा हैं। लालू प्रसाद का वश चले तो शहाबुद्दीन के लिए वो जेल में ही लाल कालीन बिछा दें, लेकिन वो तो सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर बीच में बाधक बन जाता है। वरना तुष्टिकरण के इस मसीहा के परम शिष्य को जेल में रहने की नौबत ही नहीं आती कभी।
भले ही सत्ता पर नीतीश कुमार बैठे हों, लेकिन राज्य का असली रिमोट कंट्रोल अभी भी बड़े भाई लालू प्रसाद यादव के ही हाथों में है और समय-समय पर वे इसे सबके सामने प्रदर्शित भी करते रहते हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल के पास विधायकों की संख्या नीतीश कुमार की पार्टी से ज्यादा है इसके बावजूद लालू प्रसाद यादव ने चुनाव पूर्व समझौते को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार को सीएम का पद दिया, लेकिन समझतौ के तहत अपने छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को उप-मुख्यमंत्री बनाया तो वहीं बड़े पुत्र को स्वास्थ्य मंत्री।
राज्य सरकार व पुलिस का यह भी कहना है कि ये फोटो किसी कैदी ने मिलने जाते समय खींच लिया होगा और फिर पोस्ट कर दिया होगा। हालांकि, मीडिया में आ रही जानकारी के अनुसार, एक तस्वीर में खुद शहाबुद्दीन सेल्फी लेते दिख रहे हैं और इसपर राज्य सरकार की ओर से सदा की तरह चुप्पी साध ली गई है।
पिछले साल 10 सितंबर को पटना हाईकोर्ट से पूर्व सांसद और आरजेडी नेता को चंदा बाबू के पुत्र राजीव रोशन हत्याकांड में जमानत मिली थी, लेकिन देशभर में उठे विरोध के स्वर के बाद से सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करते हुए जेल भेजने का निर्देश दिया था। अभी पिछले 6 जनवरी को ही विशेष कोर्ट ने राजीव रोशन हत्याकांड में शहाबुद्दीन पर आरोप गठित किया था।
शहाबुद्दीन की एक पुरानी तस्वीर
#BIHAR #MP #SIWAN #ShahaBuddin #Jail #LaluPrasadYadav #NitishKumar #RJD #JDU #Murder #RajivRoshan #ChandaBabu #PatnaHighCourt #SupremeCourt #NitishKumar #LawandOrder #SpecialCourt
राष्ट्रीय जनता दल के सीवान से चर्चित सांसद और लालू प्रसाद यादव के चहेते शहाबुद्दीन एक बार फिर से सुर्खियों में है। चर्चा है कि साहब खुद से सेल्फी ले रहे हैं और वो भी कड़ी सुरक्षा के घेरे में बंद सीवान जेल के अंदर। इस सेल्फीनुमा फोटो के बाहर आने और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर बिहार सरकार और स्थानीय पुलिस ने अपनी झेंप मिटाने के लिए देर रात सीवान जेल पर छापा मारने की कागजी कार्रवाई की और सदा की तरह जेल से मोबाइल, बैटरी व अन्य आपत्तिजनक सामान निकले, लेकिन हैरत की बात है कि ये सारे सामान अन्य कैदियों के कमरे से मिले।
बिहार की राजनीतिक स्थिति से जो लोग वाकिफ हैं और जानते हैं कि राज्य में जब अपनी सरकार हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि शहाबुद्दीन राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष माननीय लालू प्रसाद यादव के चहेते और पार्टी का मुस्लिम चेहरा हैं। लालू प्रसाद का वश चले तो शहाबुद्दीन के लिए वो जेल में ही लाल कालीन बिछा दें, लेकिन वो तो सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर बीच में बाधक बन जाता है। वरना तुष्टिकरण के इस मसीहा के परम शिष्य को जेल में रहने की नौबत ही नहीं आती कभी।
भले ही सत्ता पर नीतीश कुमार बैठे हों, लेकिन राज्य का असली रिमोट कंट्रोल अभी भी बड़े भाई लालू प्रसाद यादव के ही हाथों में है और समय-समय पर वे इसे सबके सामने प्रदर्शित भी करते रहते हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय जनता दल के पास विधायकों की संख्या नीतीश कुमार की पार्टी से ज्यादा है इसके बावजूद लालू प्रसाद यादव ने चुनाव पूर्व समझौते को ध्यान में रखते हुए नीतीश कुमार को सीएम का पद दिया, लेकिन समझतौ के तहत अपने छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को उप-मुख्यमंत्री बनाया तो वहीं बड़े पुत्र को स्वास्थ्य मंत्री।
राज्य सरकार व पुलिस का यह भी कहना है कि ये फोटो किसी कैदी ने मिलने जाते समय खींच लिया होगा और फिर पोस्ट कर दिया होगा। हालांकि, मीडिया में आ रही जानकारी के अनुसार, एक तस्वीर में खुद शहाबुद्दीन सेल्फी लेते दिख रहे हैं और इसपर राज्य सरकार की ओर से सदा की तरह चुप्पी साध ली गई है।
पिछले साल 10 सितंबर को पटना हाईकोर्ट से पूर्व सांसद और आरजेडी नेता को चंदा बाबू के पुत्र राजीव रोशन हत्याकांड में जमानत मिली थी, लेकिन देशभर में उठे विरोध के स्वर के बाद से सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करते हुए जेल भेजने का निर्देश दिया था। अभी पिछले 6 जनवरी को ही विशेष कोर्ट ने राजीव रोशन हत्याकांड में शहाबुद्दीन पर आरोप गठित किया था।
शहाबुद्दीन की एक पुरानी तस्वीर
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