पेज

गुरुवार, 22 दिसंबर 2016

गर न याद हो आपको, तो मैं सुनाता हूं सच्ची कहानी

हरेश कुमार


गर न याद हो आपको
तो मैं सुनाता हूं सच्ची कहानी
वो सोनी का मरना,
वो गजेंद्र का सुसाइड करना।
और 
आप सबका
वो भाषण चालू रखना।
वो संदीप का सीडी बनाना
खैर छोड़िए
वो कानून मंत्री
की नकली डिग्री
सबकुछ जानते होते हुए भी न जानने का बहाना
अगर याद अब भी न आए
तो गिरगिट भी खुदकुशी कर ले
आप सबकी बदलती रंगत को देखकर।
सच कहूं, तो आप सबको सब कुछ याद है
लेकिन क्या करें
ये पॉलिटिक्स ही है
इतनी डर्टी
कि याद होते हुए भी
अंजान बनना पड़ता है।
जानते हुए भी अनजान बनना पड़ता है।
कभी तुमसे ही अन्ना ने कहा था
ये राजनीति बहुत गंदी चीज है
न लफड़े में मत पड़ो तुम
लेकिन तुम्हें तो
वो कुत्ते को जैसे हड्डी का स्वाद लग जाता है
मुंह में
तुम्हे भी
वो स्वाद लग गई थी।
चलो अच्छा हुआ
लोगों ने जल्दी ही तुम्हें पहचान लिया।
अब भी न याद हो तुमको
तो नानी की कहानी सुनाता हूं
सुनोगे
अंत में सबको नंगे ही
जाना पड़ता है
इस दुनिया से
जी, यही हकीकत है
तुम्हारी ही नहीं
हम सबकी।
फिर, किसके लिए
ये छल-प्रपंच कर रहे हो।
कहो न!
याद आया..., या अब भी...।


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें