हरेश कुमार
दिल्ली के मतदाताओं ने बड़ी उम्मीदों के साथ Arvind Kejriwal और Aam Aadmi PartyAam Aadmi Party - Delhi पार्टी को 70 में से 67 सीटें दी थी, लेकिन इस आदमी के तुगलकी फरमानों और कार्यशैली की वजह से अब यह पार्टी अकाल मौत मरने वाला है।
लोकसभा चुनाव के समय दिल्ली छोड़कर लोकसभा चुनाव में Bharatiya Janata Party (BJP) के पीएम कैंडिडेट Narendra Modi के खिलाफ वाराणसी में उतरने और हार के बाद पहली बार दिल्ली के मतदाताओं ने क्षमा कर दिया था, क्योंकि भरोसा था कि यह व्यक्ति करोड़ों लोगों के साथ धोखा नहीं देगा और 28 सीट के बदले दूसरी बार 67 सीटें दी थी, लेकिन ये क्या? दिन-रात Narendra Modi PMO India को गाली देने और केंद्र सरकार को कोसने के अलावा दिल्ली की सरकार ने प्रदेश की जनता की भलाई के लिए कुछ किया हो?
कोई नया स्कूल-कॉलेज या सीटीसीटीवी कैमरा या दिल्ली परिवहन निगम की स्थिति में सुधार या महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोई योजना या वाईफाई। कुछ भी तो नहीं किया।
ले-देकर एक वर्ल्डक्लास मोहल्ला क्लिनिक बनाया है जिसमें सिर्फ खांसी की दवा मिलती है और डॉक्टर 36 मिनट में ही मरीज को जांच कर खानापूर्ति कर लेते हैं।
अगर, यह मोहल्ला क्लिनिक अतना ही अच्छा है तो मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal और उनके साथी दूसरी जगहों पर जाकर अपना इलाज क्यों कराते हैं? यहां इलाज कराने से लोगों के बीच एक अच्छा संदेश तो जाता ही, दिल्ली के लोगों का पैसा भी बचता।
दिल्ली के लोगों से Arvind Kejriwal ने वादा किया था कि अब हम दिल्ली को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे, लेकिन दो साल के अंदर में ही इनके अंदर का राजनीतिक कीड़ा उबाल मारने लगा और अपने वामपंथी साथियों और सलाहकारों के कहने पर एक बार फिर से पंजाब और गोवा में चुनाव लड़ने चल दिए।
पंजाब में इन्हें जीत का इतना भरोसा था कि अपनी पत्नी को वीआरएस दिलवा दिया, ताकि वहां सीएम बने। चुनाव परिणाम ने इनके सारे मंसूबों पर पानी फेर दिया।अब कहें तो क्या कहें औऱ किससे कहें? एख-एक करके सभी पुराने साथियों Yogendra Yadav और #PrashantBhushan को इन्होंने अपनी कार्यशैली से अलग कर लिया।
हद तो तब हो गई कि एक ऐसे सांसद Bhagwant Mann को आगे करके ये Aam Aadmi Party - Punjab का इलेक्शन लड़ ही नहीं रहे थे, बल्कि लोगों को नशे से मुक्ति दिलाने का वादा भी कर रहे थे। अब इनके सिवा जिसे विश्वास हो वो इनकी बातों को सुनता था। बाद बाकी सबको हकीकत पता थी, क्योंकि अकेले दिल्ली में ही 350 से अधिक शराब की दुकानें Aam Aadmi Party - Delhi के सत्ता में आने के बाद खुली है इन दो वर्षों में।
स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल की दशा सुधरने की बजाए और खराब हुई है। सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में वही लोग जा रहे हैं जिनके पास और कोई चारा नहीं है।
स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल की दशा सुधरने की बजाए और खराब हुई है। सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में वही लोग जा रहे हैं जिनके पास और कोई चारा नहीं है।
एक राजनीतिक पार्टी होने के नाते आपको यह छूट है कि देश में आप कहीं भी चुनाव लड़ो, लेकिन कम से कम अपने वादों को तो पूरा करो।
गोवा में आपके 39 में से 38 उम्मीदवारों की जमानत तक जप्त हो गई। पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार में हिम्मत ही नहीं हुई कि अपने प्रत्याशी भी खड़ा कर सकें।
गोवा में आपके 39 में से 38 उम्मीदवारों की जमानत तक जप्त हो गई। पिछले लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए उत्तर प्रदेश और बिहार में हिम्मत ही नहीं हुई कि अपने प्रत्याशी भी खड़ा कर सकें।
आपसे कोई उम्मीद नहीं किसी को। आपके साथ सिर्फ और सिर्फ कुछ वामपंथी और मुस्लिम तुष्टिकरण के समर्थक लोग हैं और वो आपकी लुटिया पूरी तरह से डूबोकर आपको बीच मंझधार में छोड़कर जाएंगे।
फिर, रिसर्च संस्थानों में लोग इस बात पर अध्ययन करेंगे कि एक ऐसी पार्टी जिसके पीछे लोग पागलों की तरह भाग रहे थे। जिसके नेता की बातों को लोगों ने पहली बार ध्यान से सुना था वह असमय कैसे अकाल मौत मरी।
लातूर में बीजेपी की जीत, आजादी के बाद से ही कंग्रेस का कब्जा था इसपर
दिल्ली नगरनिगम के चुनाव से पहले महाराष्ट्र के लातूर में कॉरपोरेशन के चुनाव में बीजेपी की जीत से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोच में न पड़ जाएं। आजादी के बाद से कांग्रेस का यहां कब्जा था और यह पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख का क्षेत्र रहा है।
पिछले साल केंद्र सरकार ने रेलवे से लातूर में पानी भेजा था और अपने स्तर पर हरसंभव प्रयास किया था ताकि इलाके के लोगों को गर्मी के दिनों में पानी की समस्या से दो-चार न होना पड़ा और नतीजा सामने है।
Bharatiya Janata Party (BJP) BJP Maharashtra Devendra Fadnavis #लातूरAmit Shah Narendra Modi PMO India
Bharatiya Janata Party (BJP) BJP Maharashtra Devendra Fadnavis #लातूरAmit Shah Narendra Modi PMO India
Indian National Congress ShivSena Uddhav Thackeray
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