हरेश कुमार
जनप्रतिनिधियों के लिए योग्यता का निर्धारण और चुनाव लड़ने के लिए सरकारी सहायता हो जरूरी, तभी अपराधियों और बाहुबलियों से छुटकारा मिलेगा और सही लोग हमारा प्रतिनिधि बनेंगे।
जब तक सरकार चुनाव लड़ने के लिए नेताओं को पैसे का भुगतान नहीं करेगी। सही लोगों का चयन नहीं होगा तब तक ऐसे ही होता रहेगा। इस देश में चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी को रखने के लिए 77 प्रकार के टेस्ट देने होते हैं और देश के लिए नियम-कानून बनाने वालों के लिए कोई कायदा-कानून नहीं।
सबसे पहले जरूरत है इन सबके लिए योग्यता का निर्धारण और सरकार से चुनाव लड़ने के लिए फंडिंग, ताकि सही और योग्य लोग हमारा नेतृत्व कर सके न कि चोर, उचक्का, गिरहकट और हत्या में शामिल या कोई बाहुबली या उद्योगपति भ्रष्ट तरीके से हमारा वोट खरीद कर प्रतिनिधित्व करे, जैसा कि आज तक होता आ रहा है।
अन्यथा देश के कमजोर तबके के लोग राजनीति में राजनीतिज्ञों की कृपा पर ही आ सकेंगे, या किसी अभूतपूर्व घटनाओं के होने के बाद। देश की जनता नेताओं से बुरी तरह से निराश है। सभी दल के नेता इसके लिए जिम्मेदार हैं।
क्या हमारे देश को आजादी दिलाने वाले नेताओं ने इन चोर-उचक्कों, गिरहकटों, पॉकिटमारों और हत्या जैसे घृणित अपराधों में शामिल व्यक्तियों के लिए ही अपने प्राणों की आहुति दी थी। क्या इसी दिन का सपना देखा था आजादी के दीवानों ने।
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