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सोमवार, 6 मार्च 2017

आंख मूंदकर राज्य की खनिज संपदा की खुलेआम लूट करने वाले सामाजिक न्याय की बात करते हैं !

हरेश कुमार



पांचवी क्लास के बच्चे को भी पता है कि जिस अपराधी के पीछे पुलिस भले दिखावे के लिए ही सही पीछे पड़ी हो वह अपने ज्ञात स्थानों पर नहीं मिलता। ऐसा नहीं है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस इन बातों से अनजान हो। अब गायत्री प्रजापति छुपे होंगे लखीमपुर खीरी में तो यूपी पुलिस छापा लखनऊ में मार रही है। इस छापे की हकीकत तो सबको मालूम है।आपराधिक छवि के लोगों को सत्ता का संरक्षण देना, राज्य की संपदा को जीभर कर लूटना और इसपर उंगली उठाने वालों पर झूठे मामले बनाकर परेशान और बेइज्जत करना सरकार के इशारों पर हुआ है। दुख इस बात का है कि आंख मूंदकर इस लूट और अन्याय का समर्थन करने वाले सामाजिक न्याय की बात करते हैं।


(नोट- लखीमपुर खीरी का नाम उदाहरण के तौर पर लिया है। बस इसे समझाने के लिए कि लोग छुपे कहीं और होते हैं और पुलिस का छापा कहीं और पड़ता है या छापे से पहले समर्थकों तक खबर पहुंच जाती है, ताकि उक्त व्यक्ति वहां से सकुशल फरार हो जाए और फिर पुलिस दनदनाती हुई अपनी कार्रवाई को कैमरे के सामने अंजाम देती है। यह पूरे देश और सभी पार्टियों व सत्ता समर्थकों के लिए है न कि किसी एक के लिए।)


जब सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का। राज्य का मुख्यमंत्री ही जब मेहरबान है, तो दूसरे क्या उखाड़ लेंगे। आज के समय में राज्यपाल तो वैसे भी घर के बड़े-बुजुर्गों से ज्यादा मायने रखते नहीं हैं। घर के बड़े-बुजुर्गों की तरह राज्यपाल का बोलते रहना (घर यानी मुख्यमंत्री) और बाकी सदस्यों का सुनकर अनसुना कर देना इस देश की सबसे बड़ी खासियत है। राज्य के मुख्यमंत्री की सबसे बड़ी परेशानी है कि सबकुछ जानते-समझते हुए भी पार्टी के टिकट पर अमेठी से उसे लड़ा ही नहीं रहे, बल्कि खुद प्रचार करने तक जा चुके हैं। अब ऐसे में बर्खास्त करेंगे तो फजीहत कम नहीं होने वाली है।


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री Akhilesh Yadav आखिर इतने लाचार क्यों हैं। ऐसा नहीं कि गायत्री प्रजापति के कारनामों की उन्हें जानकारी न हो। तीन बार मंत्रिमंडल से निष्कासित करने और वापस करने की नौटंकी दुनियाभर के लोगों ने देखा है। आप उसे मंत्रिमंडल से तत्काल प्रभाव से निष्कासित क्यों नहीं करते। आपके इशारों पर काम करने वाली पुलिस-प्रशासन ने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी Amitabh Thakur को किस तरह इसी गायत्री प्रजापति के कारनामों को उजागर करने के कारण रेप के झूठे मामलों में फंसाकर प्रताड़ित किया गया सभी ने देखा है। इसपर ज्यादा कहने की जरूरत नहीं रह गई है।इस पूरे खेल में मुलायम सिंह की भूमिका रही है। 

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