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सोमवार, 6 मार्च 2017

दिल्ली नगरनिगम के चुनाव को देखते हुए 2 वर्षों से सोई दिल्ली सरकार अचानक से एक्टिव हो गई है

हरेश कुमार

दिल्ली नगरनिगम के चुनाव को देखते हुए 2 वर्षों से सोई दिल्ली सरकार अचानक से जाग गई है और ऐसा कोई दिन नहीं जब उसके मंत्री और मुख्यमंत्री किसी न किसी नई योजना का उद्घाटन न कर रहे हों (जो 1 महीना तक पंजाब में सभी विधायकों के साथ डेरा डाले रहे थे)। दिल्ली नगरनिगम चुनाव को लेकर ये बहुत एक्टिव हो गए हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में सिर्फ 1 मंत्री के भरोसे दिल्ली सरकार चल रही थी, बाकी सभी विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री सहित पंजाब में डेरा डाले थे।


सीसीटीवी, वाई-फाई, नए स्कूल-कॉलेजों की स्थापना की कौन कहे अब नगरनिगम चुनाव से निपटना Aam Aadmi Party Aam Aadmi Party - Delhi Arvind Kejriwal का मुख्य काम है। अखबारों में विज्ञापन से मालूम चला है कि दिल्ली में वर्ल्डक्लास मोहल्ला क्लिनिक जबरदस्त काम कर रहा है और एक मुख्यमंत्री हैं जिनको अपने खांसी के इलाज के लिए बेंगलुरु जाना पड़ रहा है, शायद मुख्यमंत्री को इस वर्ल्डक्लास मोहल्ला क्लिनिक की जानकारी न हो, वरना कोई कारण नहीं कि यूनाइटेड नेशन के पूर्व महासचिव कोफी अन्ना तक जिस मोहल्ला क्लिनिक की बड़ाई कर रहे हैं, उसकी सुविधा का लाभ दिल्ली की आम जनता व इसके मुख्यमंत्री को नहीं मिल रहा।


ऑड और ईवन गाड़ियों के चलने का लाभ दिल्ली के पर्यावरण और लोगों को भले न मिला हो (ये हम नहीं कहते सरकार का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अपने ही जांच रिपोर्ट में कहता है) विश्व के कई देशों ने इसकी प्रशंसा की है।
इस तरह का खेल वो राजनेता कर रहा है जो भ्रष्टाचार मिटाने के नाम पर दिल्ली की गद्दी पर आया और देखते ही देखते अपने पूर्ववर्ती सभी भ्रष्टाचारियों को पीछे छोड़ गया।

दिल्ली परिवहन निगम की कमाई वाली सभी रूटों और डिपो को दिल्ली के क्लस्टर बस सर्विस को यह सरकार सौंप रही है। प्रतिदिन होने वाली कमाई से अलग पास वालों की यात्रा के नाम पर 6 हजार रुपए अलग से भुगतान कर रही है और ये क्लस्टर वाले स्टॉप देखते ही लाइट बंद करके भाग जाते हैं, कोई एक दिन की बात नहीं।
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में आने वाले मरीजों के MRI और सीटी स्कैन के लिए प्राइवेट अस्पतालों को जितने पैसे ये सरकार दे रही है उतने में कितना MRI, सिटी स्कैन और एक्स रे मशीन आ जाता, जिससे सरकार के पैसों की बचत होने के साथ ही मरीजों की सुविधा होती।


दिल्ली नगरनिगम में पिछले तीन बार से भारतीय जनता पार्टी के पार्षद और मेयर हैं। इस पर कब्जा करने के लिए दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एमसीडी को तीन भागों में बांट दिया, लेकिन वो इस पर कांग्रेस पार्टी को काबिज नहीं कर पाईं। वर्तमान आम आदमी पार्टी की सरकार और दिल्ली के तीनों नगरनिगमों के मेयर और पार्षद के बीच फंड और विभिन्न योजनाओं को लेकर हमेशा खींचतान होती रहती है। 

दिल्ली नगरनिगम के तीनों मेयर आरोप लगाते हैं कि दिल्ली सरकार नोटबंदी के बाद यहां के नागरिकों के द्वारा वर्षों से बकाया टैक्स को जमा करने के बावजूद एमसीडी को समय पर पैसे नहीं दे रही जिसके कारण इसकी कई योजनाएं लटकी पड़ी हैं तो दिल्ली सरकार का कहना है कि हमने आवंटन से ज्यादा पैसा दिया है। अब तो कोई एक झूठ बोल रहा है इतना तो तय है।

लगातार तीन टर्म से दिल्ली नगरनिगम में बीजेपी के पार्षद और मेयर हैं। पार्टी को इन पार्षदों के नकारेपन और एंटी इनकमबेसी की वजह से नुकसान होना तय है, लेकिन दिल्ली के मतदाता अब केजरीवाल को कोई चांस देने के मूड में नहीं। हालत तो यह है कि इसके समर्थक पंथक कमिटी का दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधन चुनाव में खाता भी नहीं खुला।

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