हरेश कुमार
भारत सरकार को चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का समर्थन करने, पाकिस्तानी झंडा फहराने वालों और मुठभेड़ के समय आर्मी जवानों के आगे ढाल बनने वालों को आतंकवादियों के मददगार के तौर पर ट्रीटमेंट करें। इनसे किसी तरह की मुरब्बत करने को ये हमारे देश की कमजोरी मान चुके हैं।
तुष्टिकरण की इस नीति को समय रहते खत्म न किया गया तो आतंकवादी समस्या कभी खत्म नहीं होने वाली है। हम यह मान लें कि इस समस्या को हल करने के लिए सरकार को कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है।
ये कुत्तों की वो दुम हो चुके हैं, जिनके सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। यह भारत सरकार से सभी सुविधाओं का लाभ उठाते हैं और पाकिस्तान के एजेंट के तौर पर काम करते हैं।
इनसे इन्हीं की भाषा में बात करना होगा अब। यह समस्या कैंसर का रूप ले चुका है और सर्जरी मांग रहा है और वो भी समय रहते वरना अगर उचित चिकित्सा नहीं की गई तो अंत में अंग काटने से लेकर स्थायी अराजकता को आमंत्रित करना होगा।
कश्मीर में सेना के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोग कोई दूध पीते बच्चे नहीं हैं, जो उन्हें ये पता न हो कि वो जो कर रहे वह देशद्रोह की गतिविधियों में आता है। ये प्रदर्शन सेना के जवानों को जवाबी कार्रवाई करने में बाधा उत्पन्न करने के साथ ही आतंकवादियों और उन्हें पनाह देने वालों का हौसला बढ़ाती है। पाकिस्तान और चीन से समस्या को हल करने में सहायता की उम्मीद करना पत्थरों पर दूब उगाने की मंशा पालने जैसा है। अपनी समस्याओं को हमें खुद से निपटना होगा। इन सबसे बातचीत से लेकर हर तरह की मानवीय सहायता देकर देख चुके हैं।
कश्मीर में आई बाढ़ के समय सेना के जवानों ने अपने अद्भुत साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए इन सबकी न सिर्फ जान बचाई थी, बल्कि हर तरह से मदद की थी।
बदले में क्या मिला वही पत्थरबाजी और आतंकियों को संरक्षण देना।
वो कहावत है न - लातों के भूत बातों से नहीं मानते। सो, अब इनसे इनकी ही भाषा में बात करना अतिआवश्यक हो चुका है। सरकार जितनी जल्दी से समझ जाए अच्छा है।जो सरकार के विरोधी हैं वह हर स्थिति में विरोध ही करेंगे। इसलिए कठमुल्लों और तथाकथित सेकुलर कीड़ों की परवाह करना छोड़ दे सरकार। ये वोटों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस तरह के मानसिक रोगियों से अब देश की अधिकांश जनसंख्या घृणा करने लगी है।
#Kashmir #StonePeltar #Terrorist #Terrorism #Pakistan #Muslim #Tustikaran #Chine #Camp #Help #Hideout #Language #World #USA #ARMY #ACTION #INDIA #Government #J&K #Secular
भारत सरकार को चाहिए कि जम्मू-कश्मीर में आतंकियों का समर्थन करने, पाकिस्तानी झंडा फहराने वालों और मुठभेड़ के समय आर्मी जवानों के आगे ढाल बनने वालों को आतंकवादियों के मददगार के तौर पर ट्रीटमेंट करें। इनसे किसी तरह की मुरब्बत करने को ये हमारे देश की कमजोरी मान चुके हैं।
तुष्टिकरण की इस नीति को समय रहते खत्म न किया गया तो आतंकवादी समस्या कभी खत्म नहीं होने वाली है। हम यह मान लें कि इस समस्या को हल करने के लिए सरकार को कठोर कार्रवाई करने की जरूरत है।
ये कुत्तों की वो दुम हो चुके हैं, जिनके सुधरने की कोई उम्मीद नहीं है। यह भारत सरकार से सभी सुविधाओं का लाभ उठाते हैं और पाकिस्तान के एजेंट के तौर पर काम करते हैं।
इनसे इन्हीं की भाषा में बात करना होगा अब। यह समस्या कैंसर का रूप ले चुका है और सर्जरी मांग रहा है और वो भी समय रहते वरना अगर उचित चिकित्सा नहीं की गई तो अंत में अंग काटने से लेकर स्थायी अराजकता को आमंत्रित करना होगा।
कश्मीर में सेना के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोग कोई दूध पीते बच्चे नहीं हैं, जो उन्हें ये पता न हो कि वो जो कर रहे वह देशद्रोह की गतिविधियों में आता है। ये प्रदर्शन सेना के जवानों को जवाबी कार्रवाई करने में बाधा उत्पन्न करने के साथ ही आतंकवादियों और उन्हें पनाह देने वालों का हौसला बढ़ाती है। पाकिस्तान और चीन से समस्या को हल करने में सहायता की उम्मीद करना पत्थरों पर दूब उगाने की मंशा पालने जैसा है। अपनी समस्याओं को हमें खुद से निपटना होगा। इन सबसे बातचीत से लेकर हर तरह की मानवीय सहायता देकर देख चुके हैं।
कश्मीर में आई बाढ़ के समय सेना के जवानों ने अपने अद्भुत साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए इन सबकी न सिर्फ जान बचाई थी, बल्कि हर तरह से मदद की थी।
बदले में क्या मिला वही पत्थरबाजी और आतंकियों को संरक्षण देना।
वो कहावत है न - लातों के भूत बातों से नहीं मानते। सो, अब इनसे इनकी ही भाषा में बात करना अतिआवश्यक हो चुका है। सरकार जितनी जल्दी से समझ जाए अच्छा है।जो सरकार के विरोधी हैं वह हर स्थिति में विरोध ही करेंगे। इसलिए कठमुल्लों और तथाकथित सेकुलर कीड़ों की परवाह करना छोड़ दे सरकार। ये वोटों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस तरह के मानसिक रोगियों से अब देश की अधिकांश जनसंख्या घृणा करने लगी है।
#Kashmir #StonePeltar #Terrorist #Terrorism #Pakistan #Muslim #Tustikaran #Chine #Camp #Help #Hideout #Language #World #USA #ARMY #ACTION #INDIA #Government #J&K #Secular








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