हैरी बाबा
पैर की मोच
और
छोटी सोच ,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।
और
छोटी सोच ,
हमें आगे
बढ़ने नहीं देती ।
टूटी कलम
और
औरों से जलन ,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।
और
औरों से जलन ,
खुद का भाग्य
लिखने नहीं देती ।
काम का आलस
और
पैसों का लालच ,
हमें महान
बनने नहीं देता ।
अपना मजहब उंचा
और
गैरों का ओछा ,
ये सोच हमें इंसान
बनने नहीं देती ।
गैरों का ओछा ,
ये सोच हमें इंसान
बनने नहीं देती ।
मिल जाती है,......
केवल अपनी गलती
नहीं मिलती.........
भगवान से वरदान माँगा
कि दुश्मनों से
पीछा छुड़वा दो ,
अचानक दोस्त
कम हो गए......।
कि दुश्मनों से
पीछा छुड़वा दो ,
अचानक दोस्त
कम हो गए......।
" जितनी भीड़ ,
बढ़ रही
ज़माने में........।
लोग उतने ही ,
अकेले होते
जा रहे हैं......।।।
बढ़ रही
ज़माने में........।
लोग उतने ही ,
अकेले होते
जा रहे हैं......।।।
इस दुनिया के
लोग भी कितने
अजीब है ना ;
लोग भी कितने
अजीब है ना ;
सारे खिलौने
छोड़ कर
जज़्बातों से
खेलते हैं........।
छोड़ कर
जज़्बातों से
खेलते हैं........।
किनारे पर तैरने वाली
लाश को देखकर
ये समझ आया........
बोझ शरीर का नहीं
साँसों का था......।
लाश को देखकर
ये समझ आया........
बोझ शरीर का नहीं
साँसों का था......।
“ तारीख हज़ार
साल में बस इतनी
सी बदली है…........
तब दौर
पत्थर का था
अब लोग
पत्थर के हैं।
साल में बस इतनी
सी बदली है…........
तब दौर
पत्थर का था
अब लोग
पत्थर के हैं।
स्वर्ग का सपना छोड़ दो,
नर्क का डर छोड़ दो ,
कौन जाने क्या पाप ,
क्या पुण्य ,
बस............
किसी का दिल न दुखे
अपने स्वार्थ के लिए ,
बाकी सब
कुदरत पर छोड़ दो.......।
नर्क का डर छोड़ दो ,
कौन जाने क्या पाप ,
क्या पुण्य ,
बस............
किसी का दिल न दुखे
अपने स्वार्थ के लिए ,
बाकी सब
कुदरत पर छोड़ दो.......।
.
🙏
🙏
🙏
🙏
🙏
"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
"सफर का मजा लेना हो तो साथ में सामान कम रखिए
और
जिंदगी का मजा लेना हैं तो दिल में अरमान कम रखिए !!
तज़ुर्बा है मेरा.... मिट्टी की पकड़ मजबूत होती है,
संगमरमर पर तो हमने .....पाँव फिसलते देखे हैं...!
जिंदगी को इतना सीरियस लेने की जरूरत नहीं यारों,
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नहीं जायेगा!
जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में ....
जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रह गए...।
पैसा इंसान को ऊपर ले जा सकता है;
लेकिन इंसान पैसा ऊपर नहीं ले जा सकता......।
कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....
पर रोटी की साइज़ लगभग सब घर में एक जैसी ही होती है।
:
👌 शानदार बात
👌
इंसान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,
और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...।
👌
👌
👌
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