हरेश कुमार
गायत्री प्रजापति एक बार फिर से समाजवादी पार्टी के लिए राजनीतिक संकट बनकर उभरे हैं। आखिर, क्या बात है कि तमाम तरह के घपले-घोटालों में नाम होने का बाद भी ये समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के नाक के बाल बने हुए हैं। गायत्री प्रजापति का नाम खनन घोटाले से लेकर आय से अधिक संपत्ति और बीपीएल की लिस्ट में नाम का मामला के साथ-साथ विवादों की लंबी लिस्ट है, लेकिन उसके सिर पर हमेशा मुलायम सिंह का आशीर्वाद है।
इस बात से स्पष्ट संदेश जाता है कि गायत्री प्रजापति ने अगर हजार करोड़ की संपत्ति बनाई है तो उसका हिस्सा मुलायम एंड परिवार कंपनी तक भी पूरी निष्ठा के साथ पहुंचाया है अन्यथा एक मंत्री तमाम तरह के घपले-घोटालों में आने के बावजूद वो पार्टी की मुखिया की आंखों का तारा कैसे होता। कई बार उसे बर्खास्त करने की नौटंकी भी उत्तर प्रदेश की जनता ने देखी है, लेकिन कभी उसकी कारस्तानियों पर किसी ने जांच कार्रवाई का आदेश नहीं दिया।
अगर, सचमुच राज्य के मुख्यमंत्री गायत्री प्रजापति की कारस्तानियों से दुखी थे तो पुलिस-व्यवस्था तो उनके ही जिम्मे थी। क्या उनके हाथ बंधे थे? फिर दिखावा क्यों?
एक महिला की शिकायत पर अखिलेश सरकार में मंत्री रहे और अमेठी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार गायत्री प्रजापति पर सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
महिला का आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने उसका और उसकी बेटी दोनों का यौन शोषण किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को आठ हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
2012 के चुनावों के दौरान हलफनामे में 1 करोड़ 70 लाख की संपत्ति बताने वाले गायत्री पर आरोप है कि इन्होंने कुछ ही सालों में लगभग 1 हजार करोड़ की अवैध संपत्ति जमा कर ली है। उत्तर प्रदेश में अवैध खनन को लेकर इऩपर लगातार आरोप लगते रहे हैं।
#गायत्रीप्रजापति #यूपीमंत्री #समाजवादीपार्टी #नौटंकी #मुलायमसिंहयादव #अखिलेशसिंहयादव #GayatriPrajaPati #SupremeCourt #SamajWadiParty
गायत्री प्रजापति एक बार फिर से समाजवादी पार्टी के लिए राजनीतिक संकट बनकर उभरे हैं। आखिर, क्या बात है कि तमाम तरह के घपले-घोटालों में नाम होने का बाद भी ये समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के नाक के बाल बने हुए हैं। गायत्री प्रजापति का नाम खनन घोटाले से लेकर आय से अधिक संपत्ति और बीपीएल की लिस्ट में नाम का मामला के साथ-साथ विवादों की लंबी लिस्ट है, लेकिन उसके सिर पर हमेशा मुलायम सिंह का आशीर्वाद है।
इस बात से स्पष्ट संदेश जाता है कि गायत्री प्रजापति ने अगर हजार करोड़ की संपत्ति बनाई है तो उसका हिस्सा मुलायम एंड परिवार कंपनी तक भी पूरी निष्ठा के साथ पहुंचाया है अन्यथा एक मंत्री तमाम तरह के घपले-घोटालों में आने के बावजूद वो पार्टी की मुखिया की आंखों का तारा कैसे होता। कई बार उसे बर्खास्त करने की नौटंकी भी उत्तर प्रदेश की जनता ने देखी है, लेकिन कभी उसकी कारस्तानियों पर किसी ने जांच कार्रवाई का आदेश नहीं दिया।
अगर, सचमुच राज्य के मुख्यमंत्री गायत्री प्रजापति की कारस्तानियों से दुखी थे तो पुलिस-व्यवस्था तो उनके ही जिम्मे थी। क्या उनके हाथ बंधे थे? फिर दिखावा क्यों?
एक महिला की शिकायत पर अखिलेश सरकार में मंत्री रहे और अमेठी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार गायत्री प्रजापति पर सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
महिला का आरोप है कि गायत्री प्रजापति ने उसका और उसकी बेटी दोनों का यौन शोषण किया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को आठ हफ्ते में जवाब देने को कहा है।
2012 के चुनावों के दौरान हलफनामे में 1 करोड़ 70 लाख की संपत्ति बताने वाले गायत्री पर आरोप है कि इन्होंने कुछ ही सालों में लगभग 1 हजार करोड़ की अवैध संपत्ति जमा कर ली है। उत्तर प्रदेश में अवैध खनन को लेकर इऩपर लगातार आरोप लगते रहे हैं।
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