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शनिवार, 6 जुलाई 2024

इस्लाम दुनियाभर में आतंक और कत्लेआम के बल पर फैला है

हरेश कुमार



मुल्लों ने लाखों हिंदुओं का कत्लेआम किया है। भारत में इस्लाम कत्लेआम और आतंक की वजह से ही फैला है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण उस काल में बौद्ध धर्म का बढ़ा हुआ प्रभाव था और हिन्दू हथियार छोड़कर अहिंसा परमो धर्मः का प्रचार करने में लग गये थे। तभी मुस्लिम आक्रमणकारियों का प्रवेश हुआ। 



हमारे अपने राजाओं ने आपसी मतभेदों की वजह से विदेशी आक्रमणकारियों का साथ दिया। इसका लाभ मुस्लिम आक्रमणकारियों को हुआ और वो आसानी से भारत में सत्ता पा गये। वहीं, दूसरी तरफ महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी सहित अन्य हिंदू राजाओं ने प्रतिक्रिया जारी रखी। सिख पंथ का गठन मुस्लिम आक्रमणकारियों से सनातन धर्म की रक्षा के लिए की गई। कत्लेआम जारी था। 



गुरु अर्जुन देव, गुरु तेगबहादुर, बंदा बहादुर की हत्या जहांगीर और औरंगजेब के शासनकाल में की गई। गुरु तेगबहादुर जी ने अपने प्राणों का बलिदान कल दिया, लेकिन धर्म नहीं बदला और न किसी को बदलने दिया। मुगलों से पहले सभी आक्रमणकारी लूटपाट कर चले गये। मुगल इस देश में रहे। मुगलों ने हिंदुओं का न सिर्फ कत्लेआम किया, बल्कि भारी संख्या में धर्मांतरण कराया। चार- चार रुपये में पुरुष और दो- दो रुपये में महिलाओं ने धर्मांतरण किया। इसके अलावा सत्ता का डर भी धर्मांतरण में मुख्य कारण रहा। 



शिवाजी महाराज ने औरंगजेब की सत्ता को काफी हद तक सीमित कर दिया था। बाबर से लेकर जहांगीर, शाहजहाँ, औरंगजेब सभी ने हजारों की संख्या में हिंदू मंदिरों को तोड़कर उसकी जगह मस्जिद का निर्माण कर दिया। 

अयोध्या में भगवान् राम की जन्मभूमि पर 1528 में बाबर के सेनापति मुर बाकी ने मंदिर तोड़कर उसके शिखर की जगह मस्जिद बना दिया। 492 साल तक हिंदुओं ने इसे वापस पाने की लड़ाई लड़ी। अभी बनारस में ज्ञानवापी, आलमगीर मस्जिद, मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि, भोजशाला में माता सरस्वती मंदिर, कुतुबमीनार, अढ़ाई दिन का झोंपड़ा सभी हिंदू मंदिर हैं। यह बड़े मंदिर हैं। मुगलों ने इस देश में कोई निर्माण नहीं किया है। लालकिला भी राजपूत राजा द्वारा निर्मित है। 



भारत की आज़ादी के बाद कांग्रेस और वामपंथियों ने मिलकर झूठा इतिहास लिखा, ताकि मुगलों को महिने साबित किया जा सके। भारत के शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम की भूमिका इसमें महत्वपूर्ण है। मुगलों ने निर्माण किया है तो इनको भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से जांच कराने में डर क्यों लगता है। दूध का दूध और पानी का पानी साफ हो जाएगा। इस देश में मुस्लिम बाहर से नहीं आये। बाबर महज कुछ हजार फौज के साथ आया था, सारे मुस्लिम यहीं के हिंदू हैं, जिन्होंने पैसे, शासन के भय और अन्य कारणों से धर्मांतरण किया है। 


मुस्लिम में हिंदुओं से ज्यादा जाति है। अरब से जो आये, वो अपने को श्रेष्ठ मानते हैं। यहाँ शिया, सुन्नी, बहावी, शेख, जुलाहा, पसमांदा 75 जातियाँ भारत सरकार की सूची में है। पिछले दिनों बिहार में जातिगत जनगणना हुई थी उसमें सभी का जिक्र है। 


मोपला (केरल) में हजारों नंबूदरीपाद ब्राह्मणों की हत्या की गई। कांग्रेस ने इसे छुपा लिया। तब सोशल मीडिया नहीं था। मीडिया सरकार द्वारा पूर्णतः नियंत्रित था।



 1990 के जनवरी में कश्मीर में लाखों हिंदुओं की हत्या की गई। बहू- बेटियों का रेप किया गया। संपत्ति पर कब्जा कर उन्हें भगा दिया गया। दहशत फैलाने के लिए गिरिजा टिक्की को सामूहिक बलात्कार के बाद आरी से बीच में काट दिया गया। रजाकार तो बहुत छोटी घटना है। मुल्लों का इतिहास कत्लेआम से भरा हुआ है। पश्चिम देशों ने इन पर दया करके शरण दिया था इज स्वीडन, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन की स्थिति किसी से छुपी नहीं है। इनका एकमात्र इलाज इजरायल कर रहा है। प्रेम की भाषा ये नहीं समझते। जहाँ कम संख्या में वहाँ संविधान की बात करते हैं और संख्या बढ़ते भी शरिया कानून पर आ आते हैं। 1400 साल का यही इतिहास है। 

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