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गुरुवार, 6 अप्रैल 2017

वक्त और किस्मत जो न कराए कम है, कभी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले आज पलक पावड़े बिछाए हैं


वक्त और किस्मत जो न कराए कम है, कभी एक-दूसरे को फूटी आंख नहीं सुहाने वाले आज पलक पांवड़े बिछा रहे हैं। तभी तो कहा है- दुश्मनी जमकर करो, पर इतनी गुंजाइश रखो जब गले मिलो तो शर्मिंदिंगी न हो।
राजनीति में न कोई स्थाई दोस्त होता है और न ही दुश्मन।

2009 में Singer Manoj Tiwari गोरखपुर से Samajwadi Party के उम्मीदवार थे और इन्होंने वहां से BJP4India के उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ के खिलाफ हर तरह की भाषा का प्रयोग किया था। चुनाव में योगी आदित्यनाथ की जीत हुई। आगे चलकर मनोज तिवारी भी भाजपा में शामिल हो गए। किस्मत ने पलटी खाई और नरेंद्र मोदी की लहर में उत्तर-पूर्वी दिल्ली से न सिर्फ सांसद बने, बल्कि कुछ ही दिनों में दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भी बनाए गए।
इधर योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से लगातार 5 बार सांसद बने और किस्मत देखिए सभी बड़े चेहरों को पीछे छोड़कर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हो गए।
राजधानी दिल्ली में नगरपालिका के चुनाव में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी को योगी आदित्यनाथ के समर्थन की जरूरत आन पड़ी है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और भाजपा के लिए नगरपालिका का यह चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया है।
सभी पार्टियों के नेता इस चुनाव को पार्टी के लिए निर्णायक मानकर चल रहे हैं। इसे देखते हुए मनोज तिवारी ने योगी आदित्यनाथ को वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्रियों पर भी तरजीह देते हुए प्रचार के लिए टॉप नामों में जगह दिया है।
वक्त और किस्मत कहां लाकर खड़ा करती है इसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता।

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